मुंबई; दिव्यराष्ट्र/ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने इस बार गांधी जयंती के अवसर पर कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक बड़ी पहल की शुरुआत की है. बैंक ने देश भर के समुदायों में सकारात्मक प्रभाव डालने के उद्देश्य से एक उल्लेखनीय यात्रा का शुभारंभ किया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने महात्मा गांधी के आदर्शों का अनुसरण करते हुए, समाज में सुविधाओं से वंचित लोगों की उन्नति एवं सशक्तिकरण के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य तथा महिलाओं के उत्थान पर केंद्रित पहलों की एक श्रृंखला आरंभ की है.
बैंक ने इस अवसर पर केवल महिलाओं द्वारा संचालित भारत के पहले ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) का शुभारंभ किया. मध्य प्रदेश के मऊगंज (क्षेत्रीय कार्यालय रीवा) तथा आंध्र प्रदेश के पालनाडु (क्षेत्रीय कार्यालय नरसारावपेट) में इन आरसेटी की शुरुआत की गई.
इसके अलावा, अपनी इसी प्रतिबद्धता पर कायम रहते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने इन पहलों को भी अपना समर्थन दिया:
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा चेन्नई के कैंसर संस्थान में एमआरआई स्कैनर का दान
महिला भारतीय संघ के कैंसर रिलीफ़ फ़ंड द्वारा स्थापित कैंसर संस्थान को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने ₹5.30 करोड़ प्रदान किए है. यह दान चेन्नई में क्षेत्रीय केंद्र के लिए एक अत्याधुनिक एमआरआई स्कैनर के अधिग्रहण के लिए किया गया है.
चेन्नई के अड्यार स्थित कैंसर संस्थान डब्ल्यूआईए की निदेशक, डॉ. कल्पना बालकृष्णन ने इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए आभार जताया, जिससे इस संस्थान की डायग्नोस्टिक क्षमता बेहतर होगी तथा मरीजों की देखभाल में सुधार होगा.
छावनी जनरल अस्पताल, प्रयागराज
छावनी अस्पताल की कैंसर इकाई को वित्तीय सहायता प्रदान करने एवं सहयोग देने के उद्देश्य से ₹1.72 करोड़ की धनराशि प्रदान की गई, और इस अवसर पर प्रयागराज के छावनी बोर्ड के सीईओ, मोहम्मद समीर इस्लाम भी उपस्थित रहे.
विक्टोरिया मेमोरियल स्कूल फॉर द ब्लाइंड के छात्रों द्वारा राष्ट्रगान की भावपूर्ण प्रस्तुति के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ.
कार्यक्रम के दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, सुश्री ए. मणिमेखलै ने बताया, ” हमने कई सीएसआर पहलों की शुरुआत की है जो सही मायने में गांधीजी के आदर्शों से प्रेरित हैं. हम ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और अपने देश की स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियादी संरचना को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए समर्पित है, और हम बेहतर, स्वस्थ एवं अधिक शिक्षित भारत को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखेंगे.”
उन्होंने बैंक के ऐतिहासिक महत्व पर भी जोर देते हुए बताया, “साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मुंबई में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रधान कार्यालय भवन का उद्घाटन किया था. यह अवसर बेहद महत्वपूर्ण है जो गांधीजी के लीडरशिप और उनकी दूरदर्शिता को कायम रखने के हमारे समर्पण को मजबूत बनाता है.”
इसके अलावा, बैंक की ओर से अपनी महिला कर्मचारियों की प्रतिभा और उनके जज़्बे को प्रदर्शित करने के लिए मुंबई में महिला हॉकी मैच का आयोजन भी किया गया. यूनियन बैंक की हॉकी टीम और भारतीय खेल प्राधिकरण की टीम के बीच इस मैच का आयोजन किया गया. खिलाड़ियों के लिए नई जर्सी के अनावरण के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जो प्रतिभागियों के बीच एकता और गौरव का प्रतीक है. मैच अपने आप में उत्साह से भरा हुआ था तथा सभी खिलाड़ियों ने मैदान पर अपने कौशल और टीम वर्क का प्रदर्शन किया.
इस पहल ने महिलाओं को अपनी एथलेटिक क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक अवसर प्रदान किया, साथ ही महिला सशक्तिकरण और प्रतिभा विकास के लिए बैंक की प्रतिबद्धता पर भी बल दिया. समवेशी परिवेश को बढ़ावा देकर और खेलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करके, बैंक का लक्ष्य आत्मविश्वास को प्रेरित करना तथा कार्यस्थल और बड़े पैमाने पर समुदाय के भीतर लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है.