दिव्यराष्ट्र, जयपुर: राजस्थान को वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर लाने के वादे के साथ, वार्षिक उदयपुर टेल्स इंटरनेशनल स्टोरीटेलिंग फेस्टिवल वापसी के लिए तैयार है। देश के निवासियों को भी इसका बेसब्री से इंतजार है। यह 10 से 12 जनवरी, 2025 तक उदयपुर में होने वाला यह फेस्टिवल सिर्फ किस्सागोई का उत्सव ही नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली सांस्कृतिक आंदोलन है जो उदयपुर को भारत की कहानियों की राजधानी के रूप में स्थापित कर रहा है।
जयपुर में आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, फेस्टिवल के संस्थापकों सुश्री सुष्मिता सिंघा ने इस आयोजन के बढ़ते महत्व के बारे में बात की। सुश्री सिंघा ने कहा कि “उदयपुर टेल्स केवल इन तीन दिनों के दौरान कहानियां सुनाने के बारे में ही नहीं है बल्कि यह राजस्थान द्वारा भारत की कहानी कहने की परंपराओं के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका को पुनः प्राप्त करने के बारे में है। यह उत्सव दुनिया को मौखिक कहानियों के जादू से जोड़ने की हमारी शैली है, जिसके केंद्र में उदयपुर है”.
किस्से-कहानियों का ग्लोबल उत्सव
किस्सागोई यानि मुंहजुबानी कहानी कहने की सदियों पुरानी कला पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उदयपुर टेल्स खूबसूरत और दमदार आवाज़ों का एक असाधारण मिश्रण लेकर आया है। इसमें प्रसिद्ध भारतीय नामों में देवदत्त पटनायक, फौज़िया दास्तानगो, अजय कुमार, अहमद फ़राज़, देबजानी, श्वेता नाडकर्णी, शिल्पा मेहता, शोना मल्होत्रा, आदित्य कोठाकोटा, शिल्पा विक्की आहूजा और कुतुबी ब्रदर्स, समीर राहत जैसी मशहूर हस्तियां शामिल हैं। इसके साथ ही दक्षिण अफ़्रीका, रूस, स्पेन, श्रीलंका, सिंगापुर, लैटिन अमरीका एवं फ्रांस से भी नामी कहानीकार आ रहे हैं और यह अंतरराष्ट्रीय कहानीकार उदयपुर टेल्स की शान बनेंगे। उदयपुर टेल्स, लोगों को संस्कृतियों से जोड़ने के लिए कहानियों की बेमिसाल ताकत को प्रदर्शित करता है।
इस वर्ष, उत्सव में एक अनूठी थीम भी पेश की गई है: स्टोरीज ऑफ फूड। फेस्टिवल में आने वाले सभी मेहमान विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और विरासत को जानने-समझने के साथ ही वहां के व्यंजनों का भी आनंद ले सकेंगे। जिसमे कहानी और व्यंजन का मिश्रण है।
राजस्थान: कहानियों का वैश्विक मंच
उदयपुर के ऐतिहासिक महलों और झिलमिलाती झीलों की पृष्ठभूमि में आयोजित उदयपुर टेल्स, सिर्फ श्रोताओं और दर्शकों का मनोरंजन करने तक ही सीमित नहीं है, यह उदयपुर को किस्सागोई के ग्लोबल हब के रूप में स्थापित करने के बारे में है। सुश्री सिंघा ने कहा कि “उदयपुर टेल्स, राजस्थान और दुनिया के लिए हमारा उपहार है। उदयपुर टेल्स के माध्यम से, हम एक ऐसी विरासत बनाना चाहते हैं जो हर जगह समुदायों को कहानी कहने की कला को अपनाने और उसका जश्न मनाने के लिए प्रेरित करे।”
सभी उम्र के लिए एक शानदार उत्सव
अपने अलग सत्रों के साथ, उदयपुर टेल्स में हर उम्र के लोगों के लिए कहानियों का अद्भुत खजाना छिपा है। परिवार, स्टूडेंट और बालिगों तक, यहां हर उम्र के लोग अपनी पसंदीदा कहानियां सुनने, उनसे जुड़ने और उनको आपस में बांटने के लिए एक साथ आते हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्ट में कहानियां प्राचीन महाकाव्यों और ऐतिहासिक आख्यानों से लेकर हौंसले और जीत के व्यक्तिगत किस्सों और कहानियों तक फैली हुई हैं। इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ है।
उदयपुर टेल्स क्यों मायने रखता है
जैसे-जैसे डिजिटल दुनिया कम्युनिकेशन के पारंपरिक माध्यमों को समाप्त करने का खतरा पैदा कर रहा है, ऐसे में उदयपुर टेल्स, उम्मीद की एक नई किरण लेकर अपनी नई पहचान बना रहा है। इस दौरान दर्शकों को आमने-सामने बैठकर कहानी कहने और सुनने के जादू को फिर से जगाया जा रहा है। सुनने वालों की बढ़ती उत्सुकता के बीच मुंहजुबानी कहानी सुनाना कहानीकार और श्रोता के बीच एक ऐसा बंधन बनाता है जिसे कोई भी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म दोहरा ही नहीं सकता। सुश्री सिंघा ने कहा कि यह उत्सव कहानियों को वर्तमान में जीने के बारे में है।
इतिहास का हिस्सा बनने का निमंत्रण
10 से 12 जनवरी, 2025 तक, उदयपुर कहानीकारों और श्रोताओं के लिए एक अनूठी दुनिया में बदल जाएगा, जो दुनिया भर की कहानियों का एक मिलन-स्थल होगा। अपनी बढ़ती अंतरराष्ट्रीय ख्याति के साथ, उदयपुर टेल्स राजस्थान को कहानी सुनाने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और समय एवं सीमाओं से परे साझा यादों के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन बनाने के लिए तैयार है।
उदयपुर टेल्स का काउंटडाउन शुरू होते ही, सभी की निगाहें उदयपुर टेल्स पर टिकी हैं, जो न केवल एक महोत्सव प्रस्तुत करेगा, बल्कि एक ऐसा अनुभव प्रदान करेगा जो सभी के दिलों-दिमाग में बस जाएगा, साथ मौखिक कहानियों की गूंज सुनिश्चित करेगा, जिसमें राजस्थान और भारत के अन्य हिस्सों और विदेशों की शानदार कहानियां होंगी।
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