नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र* भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (भादूविप्रा) ने आज डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम (डीएएस) ऑडिट के लिए सूचीबद्ध ऑडिट फर्मों के प्रशिक्षण हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया। नई दिल्ली के भादूविप्रा मुख्यालय में आयोजित यह कार्यशाला, विनियामक अनुपालन को मजबूत करने और टेलीविजन प्रसारण वितरण ईकोसिस्टम में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भादूविप्रा के पैनल में शामिल कुल 43 लेखा परीक्षकों और प्रसारण उद्योग के हितधारकों के साथ इस एकदिवसीय कार्यशाला ने लेखा परीक्षकों और अन्य हितधारकों को लेखा परीक्षा प्रक्रियाओं के दौरान अपने अवलोकन, सीख और अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
इन विनियमों के अनुसार, टेलीविजन चैनलों के सभी वितरकों को भादूविप्रा के द्वारा सूचीबद्ध लेखा परीक्षक अथवा मैसर्स बेसिल द्वारा अपनी उपभोक्ता प्रबंधन प्रणाली (एसएमएस), कंडीशनल एक्सेस सिस्टम (सीएएस) और अन्य संबंधित प्रणालियों की वार्षिक लेखा परीक्षा कराना अनिवार्य है। यदि इसका अनुपालन नहीं होता है तो यह वित्तीय हतोत्साहन का कारण बन सकता है।
भादूविप्रा के अध्यक्ष का बयान
भादूविप्रा के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने कहा कि भादूविप्रा का उद्देश्य सभी हितधारकों के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत वातावरण बनाना है। हमारे विनियामक उपायों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को प्राथमिकता देते हुए विभिन्न हितधारकों के बीच संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखना है।
उन्होंने यह भी कहा, “सूचीबद्ध लेखा परीक्षकों द्वारा ऑडिट यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि डीपीओ द्वारा तैनात सिस्टम निर्धारित तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो। पैनल में शामिल लेखा परीक्षकों को पारदर्शिता, सटीकता और जवाबदेही लागू करने के लिए न केवल तकनीकी समीक्षक के रूप में बल्कि संरक्षक के रूप में कार्य करना चाहिए।
उद्योग जगत द्वारा लेखापरीक्षा प्रक्रियाओं और कार्यप्रणालियों पर लेखापरीक्षकों के आवधिक प्रशिक्षण और लेखापरीक्षा परिणामों को तकनीकी एवं व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप बनाकर लेखा परीक्षा रिपोर्टों की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्राधिकरण से किए गए विभिन्न अनुरोधों के बाद यह कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में बेसिल, लेखापरीक्षा फर्मों और अन्य उद्योग हितधारकों द्वारा विशिष्ट प्रस्तुतियाँ दी गईं।