नई दिल्ली,, दिव्यराष्ट्र/: हीरा उद्योग, कीमत में अस्थिरता और मांग में उतार-चढ़ाव जैसी चुनौतियों से जूझने के बाद, अब इनसे उबर रहा है। हाल के महीनों में हीरे की कीमत में 10% की वृद्धि दर्ज हुई, जो अमेरिका, यूरोप, चीन और भारत जैसे प्रमुख बाज़ारों में उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि के कारण संभव हुआ।
जीजेईपीसी के अध्यक्ष, किरीट भंसाली ने कारीगरों के प्रति परिषद की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारा मानना है कि हमारे कारीगर इस उद्योग में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। उनके कौशल और समर्पण ने भारतीय आभूषणों को दुनिया भर में प्रसिद्ध बना दिया है। जीजेएनआरएफ के ज़रिए, हम सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और वित्तीय सहायता मिले, जिसकी उन्हें ज़रूरत होती है।”
जीजेईपीसी के गुजरात क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष जयंतीभाई एन. सावलिया ने कहा, ” हमने कारीगरों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, 19 मार्च, 2025 को सूरत में श्रम आयुक्त द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लिया। इसके अतिरिक्त, हमने इस मामले को सुलझाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री द्वारा गठित टास्क फोर्स समिति के सदस्यों के साथ बातचीत की, जिससे कारीगर समुदाय के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।”
उद्योग के पुनरुद्धार में ज़िम्मेदार व्यापार संगठनों में जेम एंड ज्वेलरी नेशनल रिलीफ फाउंडेशन (जीजेएनआरएफ) जैसे संगठन शामिल हैं जो भारतीय हीरा उद्योग की सामूहिक धर्मार्थ शाखा का प्रतिनिधित्व करता है। जीजेएनआरएफ के अंतर्राष्ट्रीय योगदानकर्ताओं में जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका (जीआईए), एंग्लो अमेरिकन फाउंडेशन, रियो टिंटो और डायमंड्स डू गुड (डीडीजी) जैसे प्रसिद्ध संगठन शामिल हैं।