
एचडीएफसी बैंक की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता का मानना है कि, घरेलू मुद्रास्फीति में निरन्तर नरमी को देखते हुऐ नीतिगत दरों में और गुंजाइश बनी हुयी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में लिये गये निर्णयों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुऐ साक्षी गुप्ता ने कहा कि, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और जीएसटी कटौती से मिल रहे समर्थन के बीच, आरबीआई ने नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखते हुए एक संतुलित नीति पेश की है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने इस नीति में आगे के आंकड़ों की स्पष्टता की प्रतीक्षा में धैर्यपूर्ण रुख अपनाया, लेकिन यह भी माना कि घरेलू मुद्रास्फीति में निरंतर नरमी को देखते हुए नीतिगत दरों में और ढील की गुंजाइश बनी है।
दिसंबर में दरों में कटौती अभी तय नहीं है और यह टैरिफ के नतीजों और इस त्योहारी सीज़न में घरेलू खपत में तेज़ी और वृद्धि पर निर्भर करेगा। आने वाले महीनों में टैरिफ के मोर्चे पर किसी समाधान या और वृद्धि के अभाव में, हमें वित्त वर्ष 26 में टर्मिनल नीतिगत दर 5 प्रतिशत तक पहुँचने का रास्ता दिखाई दे रहा है। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 में जीडीपी वृद्धि 6.6 प्रतिशत और मुद्रास्फीति औसतन 2.5 प्रतिशत रहेगी।