आजादी के बाद से ही भूमिहीन किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया-चन्देल
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/। डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर (मध्यप्रदेश) के चांसलर केएल बेरवाल ने कहा कि देश में भूमिहीन किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है, जिसे सुधारने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। वे मंगलवार को आगरा रोड स्थित राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, जोबनेर के जयपुर केंद्र पर आयोजित सेमिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे..चांसलर बेरवाल ने कहा कि भूमिहीन किसानों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार और समाज को मिलकर कदम उठाने चाहिए।
आईसीएसएसआर के सीनियर फेलो एवं चिंतक डॉ. धर्मवीर चंदेल ने कहा कि आजादी के बाद से ही भूमिहीन किसानों की समस्या पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। यदि स्वतंत्रता के बाद की सरकारों ने इस मुद्दे को प्राथमिकता दी होती, तो आज भूमिहीन किसानों की स्थिति कहीं बेहतर होती।.भूमिहीन किसानों के कल्याण के लिए सरकार को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, कृषि से जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा देने और सहकारी खेती जैसी योजनाओं को लागू करने पर बल देना चाहिए। इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा और भूमि आवंटन जैसी योजनाओं का उचित क्रियान्वयन भी आवश्यक है। डॉ चन्देल ने कहा कि भूमिहीन किसानों की समस्याओं का समाधान केवल सरकारी प्रयासों से ही संभव नहीं है। इसके लिए सामाजिक संगठनों, गैर-सरकारी संस्थाओं और आम जनता को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। जब तक इन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, देश का समग्र विकास अधूरा ही रहेगा। कुलपति प्रो. त्रिभुवन शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भूमिहीन किसानों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना होगा। आरम्भ मे संस्था के डीन प्रो. धर्मसिंह मीणा ने सभी का अभिन्दन किया…इस अवसर पर बड़ी संख्या मे लोग मौजूद थे…