Home Blog जयपुर के चाकसू में बन रहा देश का एकमात्र स्वर्णमय बगलामुखी धाम

जयपुर के चाकसू में बन रहा देश का एकमात्र स्वर्णमय बगलामुखी धाम

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जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ शहर के करीब चाकसू में 51 किलोग्राम सोने से स्वर्णमय माता बगलामुखी का शक्तिपीठ बन रहा है। देश का यह एकमात्र स्वर्णमय बगलामुखी धाम अक्षय जीवन सिटी, कादेड़ा में स्थित है। इन दिनों माता बगलामुखी धाम पर हजारों भक्तगणों का तांता लगा रहता है। सभी भक्तगण अपनी मनोकामनाओं को लेकर माता के दरबार में दर्शन करने आते हैं। माता का आशीर्वाद भक्तों को मिलता है।

माता बगलामुखी शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 2017 में डॉ. आशुतोष झालानी ने कराई। डॉ. झालानी ने बताया कि माता का मंदिर 51 किलोग्राम सोने बनाया जा रहा है। अभी मंदिर को बनाने में 40 लाख रुपए का खर्चा हुआ है। माताजी के मंड में 250 ग्राम सोना लगा है। उन्होंने बताया कि प्राचीन तंत्र शास्त्रों में दस महाविद्याओं काली, तारा, षोड़षी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला का उल्लेख मिलता है। इन सबकी साधना का अपना महत्व है। माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं।

डॉ. झालानी ने बताया कि संपूर्ण सृष्टि में जो भी तरंग हैं, वो माता बगलामुखी की वजह से हैं। यह भगवती पार्वती का उग्र स्वरूप हैं। ये स्वयं पीली आभा से युक्त हैं और इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष प्रयोग होता है। इनको स्तम्भन शक्ति की देवी भी माना जाता है। उन्होंने बताया कि बगलामुखी का अर्थ बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ होता है दुल्हन। कुब्जिका तंत्र के अनुसार बगला नाम तीन अक्षरों से निर्मित है व, ग, ला,’व’ अक्षर वारुणी,’ग’ अक्षर सिद्धिदा तथा ‘ला’ अक्षर पृथ्वी को संबोधित करता है। माता के अलौकिक सौंदर्य और स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें यह नाम प्राप्त है। डॉ. झालानी ने बताया कि अक्षय जीवन सिटी में माता बगलामुखी धाम में निःशुल्क हवन का आयोजन किया जाता है।

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