ब्यावर /दिव्यराष्ट्र/। आध्यात्मिक जागरण, त्याग और संयम की भावना को साकार करते हुए बिजयनगर में एक ऐतिहासिक व प्रेरणादायी जैन भगवती दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया गया। यह भव्य आयोजन श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ व श्री अखिल भारतीय नानक प्राज्ञ संघ के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ, जिसमें दो मुमुक्षुओं ने सांसारिक मोह-माया का त्याग कर दीक्षा ग्रहण कर संयम पथ की ओर कदम बढ़ाया।
यह पावन अवसर डॉ. दर्शनलता महाराज एवं डॉ. चारित्रलता महाराज जैसी तपस्विनी साध्वियों के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। इस समारोह में ब्यावर निवासी मुमुक्षु दौलतराज तातेड़ एवं ज्ञानचंद भण्डारी ने आत्मकल्याण की भावना से प्रेरित होकर साधु वेश धारण किया।
दीक्षा उपरांत इन दोनों मुमुक्षुओं का धार्मिक नामकरण किया गया, जिसमें मुमुक्षु दौलतराज तातेड़ को धैर्य मुनि एवं मुमुक्षु ज्ञानचंद भण्डारी को धीरज मुनि के नाम से संबोधित किया गया। यह क्षण सम्पूर्ण जैन समाज के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण रहा।
बिजयनगर कृषि मंडी परिसर को इस अवसर पर धार्मिक रंगों में सजाया गया था। दीक्षा समारोह में श्रावक-श्राविकाओं की भारी उपस्थिति रही, जिन्होंने नवदीक्षित मुनिराजों के संयम पथ को नमन किया।
इस पावन दीक्षा महोत्सव के साथ बिजयनगर की धरती एक बार फिर संयम, साधना और त्याग की पावन साक्षी बनी। आयोजक श्री अखिल भारतीय नानक प्रज्ञा संघ प्रकाश चंद संस्कृति उमेद सिंह नाबेड़ा ज्ञानचंद लालवानी सुरेंद्र बाफना वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक श्री श्रीमान कोषाध्यक्ष राजेंद्र नाबेड़ा एव वर्धमान स्व स्था श्रावक संघ भंवरलाल कोठारी ज्ञानचंद सांखला भागचंद बाबेल प्रकाश चंद्र संचेती उम्मेद सिंह नाबेड़ा ज्ञानचंद सुरेंद्र बाफना अशोक कुमार राजेंद्र नाबेड़ा नरेंद्र बाफना ब्यावर से रूपेश कोठारी श्रुयेशतातेड पवन तातेड सरोज तातेड धनेंद्र डोसी गौतम जैन संजय नहर महावीर बाफना राजू सेठिया एवं समस्त जैन समाज के लोग उपस्थित थे