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जयपुर में सौर ऊर्जा वेंडर्स का विरोध प्रदर्शन, सूर्यघर पोर्टल 2.0 बना सिरदर्द, ईसी कार्यालय में दिया ज्ञापन

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जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ सौर ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े सैकड़ों वेंडर और इंस्टॉलर ने मंगलवार को जयपुर स्थित आरईसी कार्यालय, झालाना डूंगरी के सामने धरना-प्रदर्शन कर रोष प्रकट किया। यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना के पोर्टल 2.0 में चल रही गंभीर तकनीकी समस्याओं और पीवी मॉड्यूल व इन्वर्टर के डुप्लीकेट सीरियल नंबर जैसी गड़बड़ियों को लेकर किया गया, जिसने सौर ऊर्जा के इस व्यस्ततम सीज़न में काम को पूरी तरह से ठप कर दिया है।
एमएनआरई द्वारा पोर्टल को 15 फरवरी को “अपग्रेड” करके पोर्टल 2.0 लॉन्च किया गया था, लेकिन यह अपग्रेड सुविधाजनक होने के बजाय अब तक सोलर कंपनियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पोर्टल की बुनियादी खामियाँ, जैसे कि कंज़्यूमर लॉगिन में रिफ्रेश बटन की अनुपलब्धता, जनसमर्थ पोर्टल में ऋण अस्वीकृति के बाद पुनः आवेदन की सुविधा, और सीरियल नंबरों की डुप्लीकेशन जैसी समस्याएं अब तक बनी हुई हैं। मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इन सुविधाओं को अप्रैल के पहले सप्ताह तक सक्रिय करने का वादा किया था, लेकिन कोई भी समाधान अब तक नहीं आया है।
वेंडर्स का कहना है कि पोर्टल में नए-नए बग्स और गड़बड़ियाँ रोज़ाना सामने आ रही हैं। कई मामलों में प्रोजेक्ट्स को “सब्सिडी डिलीवर्ड” दिखा दिया गया है जबकि असल में सिस्टम की स्थापना ही नहीं हुई है। इससे न सिर्फ़ उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति है, बल्कि वेंडर्स को भी भुगतान और सब्सिडी में अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, शिकायत निवारण प्रणाली पूरी तरह से निष्क्रिय साबित हो रही है — जवाब भी नहीं मिलता और समाधान की तो बात ही दूर है।
वेंडर्स ने यह भी सवाल उठाया है कि जब पुराना पोर्टल सुचारू रूप से कार्य कर रहा था, तो उसे पीक सीज़न में क्यों बदला गया? नया पोर्टल एक ऐसी व्यवस्था बन गया है जिसमें उपभोक्ताओं और वेंडर्स दोनों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। एमएनआरई और आरईसी की निष्क्रियता के चलते पूरे सेक्टर में निराशा का माहौल है।
वेंडर्स की स्पष्ट मांग है कि या तो पोर्टल को त्वरित रूप से तकनीकी रूप से सशक्त और स्थिर बनाया जाए, या फिर पुराने संस्करण को दोबारा लागू किया जाए। साथ ही, डुप्लीकेट सीरियल नंबर की समस्या का शीघ्र समाधान और शिकायत निवारण प्रणाली को प्रभावशाली बनाना अनिवार्य है। यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा।

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