
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र:/ पारंपरिक स्कूलिंग और तेजी से बदलते AI युग की जरूरतों के बीच बढ़ते अंतर को देखते हुए ilmAI Academy ने अपना विशेष वेबिनार “कैसे बनाएं अपने बच्चे को Future-Ready: 6 साल का आसान रोडमैप” सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस वेबिनार में 60 से अधिक माता-पिता और सीखने के इच्छुक छात्रों ने हिस्सा लिया, जो मौजूदा शिक्षा प्रणाली को लेकर चिंतित हैं।
वेबिनार का नेतृत्व ilmAI Academy के संस्थापक श्री के. आर. त्यागी ने किया। उन्होंने बताया कि दुनिया एक “साइलेंट क्राइसिस” का सामना कर रही है—जहाँ स्कूल आज भी रटने पर ध्यान देते हैं, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से उन नौकरियों को खत्म कर रहा है जो पहले आसानी से मिल जाती थीं। इसी अंतर ने बच्चों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है।
श्री त्यागी ने “12th Grade Trap” की अवधारणा समझाई। उन्होंने कहा कि बच्चे 22 साल की उम्र तक वास्तविक जीवन कौशल—जैसे वित्तीय समझ, निर्णय लेने की क्षमता और नैतिक मूल्यों—को सीखने का इंतजार करते रहते हैं। उन्होंने कहा, “हम ऐसी पीढ़ी तैयार कर रहे हैं जिसके पास डिग्री तो है, लेकिन दिशा नहीं। 22 साल की उम्र तक क्यों इंतजार करना? ilmAI में हम 11 साल की उम्र से शुरुआत करते हैं।”
ilmAI Academy ने इस समस्या के समाधान के रूप में एक अनोखा 6-वर्षीय ईकोसिस्टम (आयु 11–17 वर्ष) लॉन्च किया, जो तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है—Brain, Hand और Heart। Brain के अंतर्गत बच्चों को STEM, Coding और AI टूल्स सिखाए जाते हैं। Hand स्तंभ में फाइनेंशल लिटरेसी और सीखते-सीखते कमाने वाले प्रोजेक्ट शामिल हैं। वहीं Heart स्तंभ के माध्यम से बच्चों में सीरत और इस्लामिक एथिक्स के जरिए मजबूत चरित्र निर्माण कराया जाता है। अकादमी का कहना है कि यह मॉडल सिर्फ परीक्षा पास कराने पर नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन कौशल देने पर केंद्रित है, और रोज़ाना सिर्फ 30 मिनट की पढ़ाई पर्याप्त होती है।
वेबिनार के अंत में “Founder’s Batch” की लॉन्चिंग की गई, जिसमें अकादमी ने 90-दिन की मनी-बैक गारंटी की घोषणा की। यह कदम ilmAI Academy के अपने कार्यक्रम और उसकी प्रभावशीलता पर मजबूत विश्वास को दर्शाता है। Q&A सत्र के दौरान माता-पिता ने इस बात पर गहरी रुचि दिखाई कि यह कार्यक्रम आधुनिक तकनीक और पारंपरिक मूल्यों को कैसे संतुलित करता है।
ilmAI Academy 11–17 वर्ष के किशोरों के लिए एक प्रीमियम आफ्टर-स्कूल ईकोसिस्टम है। इसका उद्देश्य है कि छात्रों को हाई स्कूल पूरा करते समय तक Financially Independent, Global Exam Ready और Ethically Grounded बनाया जाए। यह मॉडल बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और व्यावहारिक विकास को एक साथ जोड़ता है।





