मुम्बई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की मीटिंग में लिये गये फैसलों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुऐ श्री अभीक बरूआ,चीफ इकोनोमिस्ट, एचडीएफसी बैंक ने कहा कि, आरबीआई का पॉलिसी स्टेटमेंट काफी संतुलित था, जो कि विकास को ऊपर ले जाने वाला एवं मुद्रास्फीति के अनुमानों को आंशिक रूप से नीचे लाने वाला है।
हालाँकि, केंद्रीय बैंक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किसी भी वैश्विक या घरेलू आपूर्ति झटके के कारण उसके मुद्रास्फीति अनुमानों के आसपास जोखिम बना हुआ है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 25 के लिए विकास दर 7 प्रतिशत और मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। केंद्रीय बैंक ने अपनी नीतिगत दर और रुख दोनों को अपरिवर्तित रखा।
आरबीआई ने किसी भी आसन्न नीतिगत मोड़ (इमिनेन्ट पॉलिसी पाइवोट) के लिए बहुत कम जगह छोड़ी है और इसलिए हमें अगस्त 2024 की नीति से पहले दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है। तरलता पर, केंद्रीय बैंक का सुझाव है कि तरलता घाटा मोटे तौर पर घर्षणात्मक (फ्रिक्शनल) था और टिकाऊ तरलता अधिक आरामदायक बनी हुई थी। इसने किसी भी नए उपाय की घोषणा नहीं की और कहा कि यह परिवर्तनीय दर रेपो और रिवर्स रेपो ऑक्शन्स जैसे टूल सहित अपने फाइन-ट्यूनिंग संचालन के माध्यम से तरलता का प्रबंधन करना जारी रखेगा।