श्री सुंदर सिंह भंडारी और श्री गुलाबचंद कटारिया के बाद मेवाड़ गौरव सम्मान पाने वाले श्री वासुदेव देवनानी तीसरे व्यक्ति
देवनानी ने कहा – जागृत परिवार के लिए हर माता को बनना होगा जीजा माता*
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/। युवाओं को राष्ट्रीयता की भवन से जोड़ने के लिए संयुक्त परिवार प्रणाली के लाभ समझाने होंगे साथ ही उन्हें राष्ट्र ओर देश के फर्क को भी समझना होगा यही विचारशनिवार को जयपुर के हरिश्चन तोतुका सभा भवन में जन चेतना मंच की और से आयोजित मेवाड़ रत्न सुंदर सिंह भंडारी व्याख्यान माला को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय प्रमुख कार्यवाहिका अनादनम सीता गायत्री ने प्रकट किए। उन्होंने कहा आज युवा अपने तक सीमित रह गया है उसे संयुक्त परिवार प्रणाली और राष्ट्रीयता के विषय पर सोचने का समय ही नहीं है। व्यक्ति केवल अपने निजी हित के लिए ही अच्छी नौकरी ओर पद की डोड में फंसा हुआ हे। इस अवसर पर राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को समारोह में मेवाड़ गौरव सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान को पाने वाले देवनानी तीसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले यह सम्मान सुंदर सिंह भंडारी और गुलाबचंद कटारिया को मिला था। देवनानी को यह सम्मान उनकी उल्लेखनीय समाज सेवाओं, राजस्थान विधानसभा में किए गए नवाचारों और वैचारिक क्रांति के लिए दिया गया।
स्वर्गीय सुन्दर सिंह भंडारी के 105 वें जन्म दिवस पर जन चेतना मंच द्वारा ‘जागृत परिवार ही सशक्त राष्ट्र का आधार’ विषय पर आयोजित स्व.सुन्दर सिंह भंडारी स्मृति व्याख्यान माला और अभिनंदन समारोह में देवनानी ने कहा कि उनका मेवाड़ से पुराना व गहरा संबंध रहा है। इस सम्मान को पाकर वे गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की धरा महाराणा प्रताप के शौर्य, पन्नाधाय के त्याग और मीरा की भक्ति के लिए जानी जाती है। शिक्षा मंत्री के दायित्व के दौरान उन्हें अकबर महान के पाठ को हटाकर प्रताप महान के पाठ को जोड़ने का गौरवशाली कार्य करने का मौका मिला था।
देवनानी ने कहा कि स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी महान विचारक थे । उनका सादगीपूर्ण जीवन तपस्वी की भांति था। राज्यपाल होते हुए भी वे अपने कपड़े स्वयं धोते थे। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी स्वर्गीय भंडारी के जीवन के आदर्शों को आत्मसात करने की आवश्यकता है।
देवनानी ने कहा कि भारत सनातन संस्कृति की राह पर है। इसके मूल में भारतीय संस्कार है और संस्कार ही परिवार को जागरूक रखते हैं। जागरूक परिवार ही सशक्त भारत का आधार है। देवनानी ने कहा कि परिवार को जागृत रखने के लिए प्रत्येक परिवार की माता को जीजा माता बनना होगा।
देवनानी ने कहा कि हम वापस से संयुक्त परिवार की ओर लौट रहे हैं। यह सशक्त भारत और श्रेष्ठ भारत के लिए सुखद संकेत है। इस कार्य में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है। राष्ट्र विकास के लिए हम सभी को इस क्षेत्र में भागीदारी निभाने का संकल्प लेना होगा। हमें आपस में कुटुंब प्रबोधन पर चर्चा करने की आवश्यकता है। आपसी संवाद से ही युवाओं को अवसाद से मुक्ति दिला सकते हैं, ताकि युवा आत्महत्या की प्रवृत्ति से दूर हो सके।
देवनानी ने कहा कि परिवार को समय दें। संध्या आरती और संध्या भोजन परिवार के सभी सदस्य मिलकर करें। युवाओं को वैज्ञानिक दृष्टि से संस्कारों को समझाएं। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भारत पर गर्व की अनुभूति करें। पुष्पक विमान, संजय, गणेश जी की सूंड यह प्राचीन भारत की महानता के परिचायक हैं।
समारोह को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक शंकर लाल जी, कैलाश जी, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पर्व अध्यक्ष जसवीर सिंह, मंच के संरक्षक आई एम सेठिया, अध्यक्ष हेमंत सिसोदिया ने संबोधित किया।