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त्वरित एवं आसान क्लेम प्रक्रिया है बीमा का भविष्य

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जयपुर: किसी व्यक्ति या कारोबार को अप्रत्याशित परिस्थितियों से बचाने में बीमा ने हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वित्तीय सुरक्षा (फाइनेंशियल प्रोटेक्शन) के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में काम करते हुए जीवन की अनिश्चितताओं से बीमा जिस प्रकार की सुरक्षा प्रदान करता है, किसी भी अन्य फाइनेंशियल साधनों से ऐसा संभव नहीं है। हालांकि बीमा के सफर में सच्चाई का पता तब चलता है, जब पॉलिसीधारक को क्लेम करने की जरूरत पड़ती है। यही वह समय होता है जब बीमा की असली कीमत समझ आती है। इसी मोड़ पर पता चलता है कि कोई बीमा पॉलिसी कितनी प्रभावी और भरोसेमंद है। वर्तमान समय में इंश्योरेंस वैल्यू चेन के हर पड़ाव परउन्नत तकनीक और डिजिटलाइजेशन का प्रभाव देखने को मिल रहा है। इनका प्रयोग करते हुए बीमा उद्योग क्लेम से जुड़े अनुभवों को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार है। यह अनुभव उससे बहुत अलग है, जैसा हमने अब तक देखा-सुना है।

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट – अंडरराइटिंग, क्लेम्स एंड रीइंश्योरेंस एडमिन डॉ. पोरस पेशोटन (Dr. PorusPeshoton) का भी मानना है कि क्लेम के मामले में जो बदलाव देखने को मिल रहे हैं, उसमें तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका है। तकनीक के क्षेत्र में अत्याधुनिक नवाचार को अपनाते हुए कंपनियां क्लेम की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं और मौजूदा दौर के ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रक्रिया को तेज कर रही हैं। बेहतरीन ऑटोमेशन प्रक्रिया को एकीकृत करते हुए बीमा कंपनियां क्लेम से जुड़े पूरे सफर को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का प्रयोग करते हुए कंपनियां मैनुअल प्रक्रियाओं का ऑटोमेशन कर सकती हैंऔर मानवीय हस्तक्षेप कम कर सकती हैं। इससे किसी भी तरह की देरी की आशंका कम होती है।

सबसे महत्वपूर्ण बात, तकनीक में निवेश से क्लेम असेसमेंट के मामले में दक्षता बढ़ेगी, जिससे सही क्लेम के मामले में तेजी से भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा। इन इंटेलीजेंट प्रक्रिया में कई तरह के एनालिटिकल मॉडल्स भी प्रयोग किए जाते हैं, जिससे जरूरी सूचनाएं छिपाकर (नॉन डिसक्लोजर ऑफ क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन) के आधार पर धोखाधड़ी वाले एवं झूठे क्लेम को रोकना संभव है। इन इंटेलीजेंट डिजिटाइज्ड माध्यमों की मदद से कंपनियां आसानी से ऐसे क्लेम का पता लगा सकती हैं।

सेल्फ-सर्विस ऑप्शंस के साथ ग्राहकों को कर रहे सशक्त: क्लेम की प्रक्रिया में सेल्फ-सर्विस समाधान को जोड़ते हुए बीमा कंपनियां ग्राहकों की संतुष्टि एवं उनके साथ अपने जुड़ाव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती हैं। इसमें यूजर-फ्रेंडली ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन शामिल हैं, जिनकी मदद से ग्राहक क्लेम सबमिट कर सकते हैं, उसे ट्रैक कर सकते हैं और उससे जुड़े रियल टाइम अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। सुविधाजनक इंटरफेस के माध्यम से कंपनियां टेलर्ड असिस्टेंस प्रदान कर सकती हैं, जिससे सुगम अनुभव सुनिश्चित होगा।

बेहतर कम्युनिकेशन एवं मजबूत कस्टमर सपोर्ट: कंपनियां इस बात को समझ रही हैं कि क्लेम प्रोसेस के समय स्पष्ट एवं समय पर संवाद बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे ध्यान में रखते हुए बीमा कंपनियां प्रोएक्टिव कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी अपना रही हैं। कंपनियां क्लेम की प्रक्रिया के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण पड़ाव पर पॉलिसीधारकों को पर्सनलाइज्ड नोटिफिकेशन एवं रिमाइंडर भेजने के लिए ऑटोमेशन एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग कर रही हैं। ग्राहकों के सवालों और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कंपनियां मजबूत कस्टमर सपोर्ट सिस्टम में निवेश बढ़ा रही हैं। साथ ही डेडिकेटेड हेल्पलाइन, लाइव चैट और 24/7 असिस्टेंस पर भी कंपनियों ने निवेश बढ़ाया है। इससे ग्राहक न केवल अपडेट रहते हैं, बल्कि इस बात को लेकर उनका भरोसा भी मजूबत होता है कि उनके क्लेम पर सक्रियता के साथ कदम उठाए जा रहे हैं।

बाधा रहित इकोसिस्टम: वर्तमान समय में बीमा कंपनियां हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स और इमरजेंसी रेस्पॉन्डर्स समेत कई अन्य पक्षों के साथ गठजोड़ भी कर रही हैं, जिससे एक इंटरकनेक्टेड इकोसिस्टम बन सके। इससे ग्राहकों को जरूरत पड़ने पर एंड-टू-एंड सपोर्ट देना सुनिश्चित होता है। किसी घटना के समय तत्काल सहायता पहुंचाने से लेकर क्लेम की प्रक्रिया को आसान बनाने तक ये इकोसिस्टम नॉलेज शेयरिंग की व्यवस्था का लाभ उठाते हैं। इससे पॉलिसीधारकों के लिए क्लेम का पूरा सफर सुगम बन जाता है।

बना रहे संतुलन: पर्सनलाइज्ड सपोर्ट के साथ बढ़ रही दक्षता: इस बात में कोई संदेह नहीं कि तकनीक ने क्लेम प्रोसेस की दक्षता बढ़ाई है और इसकी गति को भी तेज किया है, लेकिन क्लेम से जुड़ी कुछ जटिल परिस्थितियों में मानव हस्तक्षेप के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। मानव हस्तक्षेप से मुश्किल समय में सहानुभूतिपूर्वक सहयोग दे पाना संभव होता है। इसे ध्यान में रखते हुए बीमा कंपनियां अपने फ्रंटलाइन एजेंट्स और ऑपरेशंस टीमों को सशक्त कर रही हैं, जिससे पॉलिसीधारकों को क्लेम के दौरान अपनेपन का अनुभव हो।

ग्राहकों को सर्वोच्च प्राथमिकता: बीमा के क्षेत्र में क्लेम का भविष्य इस बात पर टिका है कि बीमा कंपनियां किस तरह भरोसे एवं पारदर्शिता को कायम रखते हुए तकनीक की संभावनाओं का प्रयोग करती हैं। इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट को तेज एवं आसान बनाने के लिए जरूरी है कि बीमा कंपनियां ग्राहकों को केंद्र में रखने की संस्कृति को प्राथमिकता पर रखें। इस सेक्टर के अग्रणी ब्रांड ग्राहकों को सुगमएवं सहज सर्विस देने और ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्रदान करने के महत्व को समझते हैं। ग्राहकों को अपने परिचालन के केंद्र में रखते हुए बीमा कंपनियां भरोसा मजबूत कर सकती हैं, ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ा सकती हैं और अपना नेट प्रमोटर स्कोर (एनपीएस) भी बढ़ा सकती हैं।

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