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ओविक सोलर बीकानेर के पास 8 सोलर पार्कों में करेगी 1,200 करोड़ का निवेश

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दिव्यराष्ट्र, जयपुर: भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा ओपन एक्सेस सोलर को बढ़ावा दिए जाने के साथ, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी ओविक सोलर, बीकानेर के निकट 380 मेगावाट की संयुक्त क्षमता के साथ आठ अत्याधुनिक सौर पार्क स्थापित करके राजस्थान के ऊर्जा भविष्य को नए आयाम देने के लिए तैयार है। करीब 1,200 करोड़ रुपए के निवेश से समर्थित ये परियोजनाएं सिर्फ एक वर्ष के भीतर बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार हैं, जिससे राजस्थान स्थित एसएमई के लिए मासिक 75 प्रतिशत तक की महत्वपूर्ण बचत हासिल करने का रास्ता खुल जाएगा।

आईआईटी और आईआईएम के पूर्व छात्रों कैलाश राठी, रोहित डंगयाच, सुजीत बेनीवाल और संदीप झवर द्वारा स्थापित, ओविक सोलर सौर ऊर्जा में इनोवेशन को बढ़ावा दे रहा है, राजस्थान के प्रचुर सोलर रेडिएशन का लाभ उठाकर उद्योगों और समुदायों के लिए स्केलेबल सॉल्यूशन्स तैयार कर रहा है। इन सोलर पार्कों का मकसद औद्योगिक ऊर्जा मॉडल में क्रांति लाना है, जिससे व्यवसायों को अपनी ऊर्जा खपत का 80 से 90 प्रतिशत सौर ऊर्जा में बदलने में सक्षम बनाया जा सके।

इस बारे में ओविक सोलर के को फाउण्डर रोहित डांगयाच ने इन पार्कों की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा ‘‘सोलर रूफ टॉप बड़े उद्योगों के लिए ऊर्जा लागत का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही ऑफसेट कर सकती हैं। सोलर पार्कों के लिए ओपन एक्सेस की सरकारी नीति के साथ, उद्योग बहुत बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा को अपना सकते हैं, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता के साथ ही वित्तीय दक्षता में सुधार होगा।‘‘

ओपन एक्सेस कॉन्सेप्ट का उद्देश्य बीकानेर जैसे बड़े और सस्ती भूमि वाले बड़े पार्कों में बिजली पैदा करना है, तथा राजस्थान में कहीं भी किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में एसएमई के लिए बिजली इकाइयों की भरपाई करना है, जिनका बिजली बिल प्रति माह 15-20 लाख रुपये से अधिक है।

ओविक सोलर के को फाउण्डर (तकनीकी) संदीप झवर ने व्यापक उद्योग प्रवृत्ति पर जोर देते हुए कहा  ‘‘पेशेवर सौर, हरित हाइड्रोजन और बैटरी भण्डारण सहित रिन्यूएबल एनर्जी में तेजी से निवेश कर रहे हैं, हम भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता में तेजी से वृद्धि देख रहे हैं। यह गति वंचित क्षेत्रों में ऊर्जा की कमी को दूर करेगी और देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी।‘‘

राजस्थान रिन्युएबल एनर्जी कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरआरईसीएल) सौर ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो परियोजनाओं के लिए सुव्यवस्थित अनुमोदन प्रदान करता है। राजस्थान के अनुकरणीय मॉडल के साथ, अन्य उच्च सौर विकिरण वाले राज्यों से भी यही उम्मीद की जाती है, जिससे भारत 2030 तक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा।

ओविक सोलर का यह इनिशिटिव इस बात का प्रमाण है कि किस तरह अक्षय ऊर्जा भारत के कार्बन उत्सर्जन को कम करते हुए आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकती है। कम्पनी के प्रयासों से राजस्थान को भारत के प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया जा सकेगा, उद्योगों को सशक्त बनाया जा सकेगा और एक स्थायी ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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