मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के जन्मदिवस पर विशेष
(डॉ .सीमा दाधीच) भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व ने एक वर्ष पूर्व राजस्थान भाजपा संगठन से जुड़े एक कार्यकर्ता को राजस्थान के मुख्यमंत्री का ताज सौंपकर आम कार्यकर्ता का सम्मान कर संगठन के प्रति निष्ठा का भाव रखने वाले आम कार्यकर्ता के प्रति विश्वास प्रकट किया है राजस्थान की धरा रविवार 15दिसंबर को ऐसे ही एक कार्यकर्ता का जन्मदिन मना रही हैं।राजस्थान के 14वे मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की जब भाजपा हाई कमान ने ताज पोशी की तब राजनैतिक क्षेत्र में अचंभा होना स्वाभाविक था लेकिन संगठन की सोच रखने वाले कार्यकर्ताओं के मन में इस सम्मान को गंभीरता से लेना एक स्वाभाविक प्रक्रिया रही।
15 दिसंबर 1967को भरतपुर जिले में जन्मे भजन लाल शर्मा ने अपनी राजनीति की पारी भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कर सरपंच पद से राजनीति का ज्ञान प्राप्त किया। पिता किशन स्वरूप शर्मा और माता गोमती देवी ने उन्हें बचपन से ही सनातन धर्म की बारीकियों से अवगत कराया। भाजपा संगठन में भरतपुर के जिलाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री और उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर सत्ता और संगठन की बारीकियों को समझा और संगठन में कार्य कर भाजपा के राज्य भर के कार्यकर्ताओं में अपनी पहचान बनाई। राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर भजन लाल शर्मा ने राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के स्वयं सेवक के रूप में कार्य किया साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर छात्र हितों के लिए संघर्ष किया।
जयपुर जिले की सांगानेर विधान सभा सीट से वर्ष 2023में चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय रहने का सबसे ज्यादा फायदा यह मिला कि उन्हें चुनाव जीताने के लिए क्षेत्र के सभी कार्यकर्ता जुट गए। भजन लाल शर्मा को मुख्य मंत्री बनाकर भाजपा नेतृत्व ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि कोई भी कार्यकर्ता संगठन के प्रति समर्पण का भाव रखने से उच्च पद को प्राप्त कर सकता है। भजन लाल शर्मा को लो प्रोफाइल नेता माना जाता है। सामान्य वर्ग में एक मजबूत चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले शर्मा ने प्रारंभिक शिक्षा भरतपुर जिले के अटारी ग्राम से की बाद में माध्यमिक शिक्षा के लिए नदबई आगए। इसी दौरान वे विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए और 1990में कश्मीर मार्च में भाग लेने के लिए 100कार्यकर्ताओं को साथ लेकर उधमपुर में गिरफ्तारी दी। वर्ष 1992में श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के दौरान भी गिरफ्तारी दी ओर वर्ष 1991से 92तक युवा मोर्चा में सक्रिय रहे। भजन लाल शर्मा मात्र 27वर्ष की उम्र में अपने मूल ग्राम अटारी के सरपंच बन गए। वर्ष 2010से 2015तक पंचायत समिति के सदस्य रहे। मुख्यमंत्री बनते ही भजन लाल ने सभी वर्गों को साधने की कोशिश की। इसमें गर्भवती महिलाओं के लिए मां वाउचर योजना बहुत ही लोकप्रिय हुई। जिसमें गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क सोनोग्राफी कराने के लिए मां वाउचर योजना से लाभ मिलता है।