न्युवोको की स्थापित सीमेंट क्षमता में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी
मुंबई, दिव्यराष्ट्र/: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी), मुंबई बेंच ने इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (आईबीसी) के तहत कॉर्पोरेट इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया में वडराज सीमेंट लिमिटेड (वीसीएल) के अधिग्रहण के लिए न्युवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। एनसीएलटी ने इस संबंध में एक विशेष आदेश जारी किया है। समाधान योजना में 1,800 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान शामिल है। न्युवोको को अपने कंसोलिडेट डेट स्तरों में उल्लेखनीय वृद्धि के बिना ट्रांजेक्शन को फंड देने का इरादा रखती है।
यह अधिग्रहण न्युवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड की पूर्ण ओनरशिप वाली सहायक कंपनी वान्या कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (वान्या) के माध्यम से किया जाएगा। इसके बाद, समाधान योजना में तय किए गए फॉर्मूले के अनुसार वान्या का वीसीएल में विलय कर दिया जाएगा। विलय के बाद, वीसीएल कंपनी की पूर्ण ओनरशिप वाली सहायक कंपनी बन जाएगी।
न्युवोको लगभग 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश एसेट्स को फिर से चालू करने के लिए करेगा, जो पिछले लगभग 7 वर्षों से बंद पड़ा हैं। प्लांट्स को चालू करने और वीसीएल प्लांट्स के ऑपरेशंस में सुधार लाने के लिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स द्वारा वास्तविक ट्रांसफर की तारीख से 15-18 महीनों में चरणबद्ध निवेश किया जाएगा। उत्पादन शुरू करने की अनुमानित लक्षित तारीख वित्त वर्ष 27 की तीसरी तिमाही के आसपास है।
वीसीएल के प्लांट्स में कच्छ, गुजरात में 3.5 एमएमटीपीए (10,000 टीपीडी) क्लिंकर यूनिट और सूरत, गुजरात में 6 एमएमटीपीए ग्राइंडिंग यूनिट शामिल है। इसके अतिरिक्त, वीसीएल के पास हाई क्वालिटी लाइमस्टोन के भंडार हैं, जो भविष्य के उत्पादन के लिए कच्चे माल की निरंतर और सस्टेनेबल सप्लाई सुनिश्चित करते हैं। कच्छ में कैप्टिव जेटी लॉजिस्टिक दक्षता को और बढ़ाती है। इस अधिग्रहण के साथ, न्युवोको की कुल सीमेंट उत्पादन क्षमता लगभग 31 एमएमटीपीए तक बढ़ जाएगी, जिससे भारत में पांचवे सबसे बड़े सीमेंट ग्रुप के रूप में इसकी स्थिति लंबे समय तक मजबूत होगी।
इस अनुमति पर प्रतिक्रिया देते हुए जयकुमार कृष्णास्वामी, मैनेजिंग डायरेक्टर, न्युवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड ने कहा कि “यह सौदा भारतीय सीमेंट इंडस्ट्री में पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करता है। यह लॉजिस्टिक को बेहतर बनाने में मदद करेगा, संचालन को सुव्यवस्थित करेगा और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा, जिससे कंपनी को नए बाजारों में बेहतर पहुंच मिलेगी और प्रमुख क्षेत्रों में मजबूत सप्लाई चेन मिलेगी और हम प्रतिस्पर्धी और प्रभावशाली बिज़नेस माहौल में अपने ग्राहकों को अधिक वैल्यू और बेहतर सेवा प्रदान करने में सक्षम होंगे।”