– रिफ 2025 में फिल्म ‘मैं निदा’ का भी होगा प्रदर्शन”
जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) जिसे फिल्म सोसाइटीज ऑफ इंडिया नॉर्थ रीजन द्वारा मान्यता प्राप्त है, का 11वे संस्करण का आयोजन मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के सहयोग से 1 से 5 फरवरी 2025 तक जोधपुर के आइनॉक्स पीवीआर, अंसल रॉयल प्लाजा और मेहरानगढ़ फ़ोर्ट में आयोजित किया जाएगा। इस साल का फेस्टिवल “सिनेमास्थान – अ पैनोरमा ऑफ़ सिनेमा इन राजस्थान” थीम पर आधारित होगा इसके साथ ही, यह 11वां संस्करण का आयोजन रिफ की राजस्थान में सिनेमा को बढ़ावा देने की यात्रा के दस वर्षों का भी प्रतीक है।
राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) के संस्थापक सोमेन्द्र हर्ष ने बताया कि इस वर्ष का ‘हसरत जयपुरी अवार्ड फॉर कंट्रीब्यूशन ऑफ़ म्यूजिक इन सिनेमा’ सिनेमा में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए निदा फ़ाज़ली को मरणोपरांत दिया जाएगा। हसरत जयपुरी अवॉर्ड फॉर कॉन्ट्रिब्यूशन ऑफ़ म्यूजिक इन सिनेमा का अवार्ड हर वर्ष रिफ में जयपुर के जन्मे मशहूर गीतकार हसरत जयपुरी की याद में फिल्मी दुनिया की ऐसी शख्सियत को दिया जाता है जिसने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित किया है।
यह सम्मान उनकी धर्मपत्नी मालती जोशी फ़ाज़ली ग्रहण करेंगी, जो समारोह में विशेष रूप से शामिल होंगी। यह सम्मान समारोह 5 फरवरी को जोधपुर के ऐतिहासिक मेहरानगढ़ किले में आयोजित होगा।
राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) में अतुल पांडे द्वारा निर्देशित और अतुल गंगवार द्वारा निर्मित फिल्म ‘ मैं निदा ‘ का भी प्रदर्शन 1 फरवरी को किया जाएगा। यह फिल्म आधुनिक भारतीय कवि और मशहूर शायर पद्मश्री निदा फ़ाज़ली की अद्भुत यात्रा को दर्शाने वाली एक ऑडियो-विज़ुअल बायोग्राफी है। फिल्म में दुर्लभ वीडियो फुटेज, ऑडियो क्लिप्स और तस्वीरों के साथ-साथ कई प्रतिष्ठित कवियों, लेखकों, फिल्मकारों और परिवार के सदस्यों की श्रद्धांजलि में शामिल हैं। मध्य प्रदेश, मुंबई, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में फिल्माई गई इस डॉक्यूमेंट्री में निदा फ़ाज़ली की मार्मिक और प्रभावशाली कविताओं को भी प्रस्तुत किया गया है। यह फिल्म और यह सम्मान, निदा फ़ाज़ली जी की अमर कृतियों और सिनेमा में उनके बहुमूल्य योगदान को याद करने और सराहना का एक सशक्त माध्यम है।
पद्मश्री निदा फ़ाज़ली भारतीय सिनेमा और साहित्य जगत के एक अमूल्य रत्न थे। उनके गीत और गजलें आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं। फ़िल्मों के लिए लिखे उनके गीत जैसे ‘होश वालों को खबर क्या’, ‘तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है’, और ‘अभी अभी इस दिल में’ कालजयी रचनाएँ मानी जाती हैं। उनकी कविताओं और ग़ज़लों में मानवीय भावनाओं की गहराई, जीवन की जटिलताओं का चित्रण और एक अनोखी संवेदनशीलता झलकती है।उनकी साहित्यिक और सिनेमा की सेवाओं के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें पद्मश्री पुरस्कार के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, मध्य प्रदेश शासकीय साहित्य अकादमी पुरस्कार, और महाराष्ट्र उर्दू अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। साहित्य और कला के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को हर जगह सराहा गया।
निदा फ़ाज़ली की धर्मपत्नी मालती जोशी फ़ाज़ली गुजरात के राजकोट में 18 फरवरी को जन्मी हैं और मशहूर शायर पद्मश्री निदा फ़ाज़ली की सहधर्मिणी हैं। उन्होंने बालगंधर्व विश्वविद्यालय, पुणे से संगीत विशारद की शिक्षा प्राप्त की है। वे थियेटर और फ़िल्मों में अभिनय के साथ-साथ कविताएँ भी लिखती हैं। ग़ज़ल गायकी के क्षेत्र में सक्रिय मालती जी के तीन-चार ग़ज़ल एलबम रिलीज हो चुके हैं। उनकी हाल ही में रिलीज़ हुई एल्बम ‘जब चाँदनी रात’ में गीत निदा फ़ाज़ली के हैं। उन्हें वर्ष 2022 में नौशाद सम्मान से भी सम्मानित किया गया। वर्तमान में वे मुंबई में निवास करती हैं।
राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गत वर्ष ये सम्मान 2017 में गायक मामे खान , 2019 में लेखक और गीतकार मयूर पूरी , 2020 में गायक रेखा राव, 2021 में फिल्म निर्माता प्रदीप टूटू शर्मा, 2022 में कवि, लेखक और गीतकार सईद क़ादरी , 2023 में म्यूजिक कंपोजर मिथुन और 2024 में गायक पदम श्री अनवर खान मांगणियार इस अवार्ड से सम्मानित हुए थे।