Home एजुकेशन वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित है एन एफ एस यू गांधीनगर

वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित है एन एफ एस यू गांधीनगर

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असीमित संभावनाओं का क्षेत्र है फॉरेंसिक साइंस

(दिव्यराष्ट्र के लिए एल एन द्विवेदी-)

गांधीनगर, दिव्यराष्ट्र/ वैज्ञानिक तरक्की और तकनीकी विकास के दौर में आमजन को कई तरह की सुविधा उपलब्ध हुई है तो उपलब्ध सुविधाओं के साथ तकनीकी विकास के दुरुपयोग और अपराध से जुड़े मामलों में नवीन तकनीकी के इस्तेमाल की समस्या सामने आई है जिसमें साइबर क्राइम जैसे मामले प्रमुख है l अपराधिक कार्यों और व्यवस्थाओं के लिए नए तौर तरीके इस्तेमाल करने होने के साथ ही अपराधों की जांच और सत्य का पता करने के लिए भी नवाचार और नवीन तकनीकी का विकास हुआ है और सुविधा बढ़ी है इसके अंतर्गत प्रमुख है फॉरेंसिक साइंस l
फॉरेंसिक साइंस के बारे में हम बात करें तो इसका सामान्य अर्थ लगाया जा सकता है न्यायालयिक विज्ञान यानी की न्याय से संबंधित विभिन्न कार्यों में किए जाने वाले अनुसंधान में सहयोगी महत्वपूर्ण व्यवस्था l इसके कार्य क्षेत्र और व्यवस्था की बात करें तो अपराधो के मामले में की जाने वाली जांच और अनुसंधान में उपलब्ध तथ्यों और सामग्री का विश्लेषण और अध्ययन करने के बाद सत्य व सटीक निष्कर्ष निकालने की एक प्रभावी प्रकिया l न्याय और कानून के उद्देश्यों के इस्तेमाल किए जाने वाले इस विषय के अंतर्गत अपराधों तथा न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष की जांच की जाती है तथा विभिन्न तरह के विवादों व समस्याओं का समाधान किया जाता है l विभिन्न अपराधी से सम्बन्धित भौतिक साक्ष की जांच और मूल्यांकन के तहत इसमें फिंगरप्रिंट से लेकर डीएनए की जांच आदि प्रक्रियाएं भी शामिल होती है l इसके अंतर्गत अपराधों से जुड़े नमूने का विश्लेषण तथा अपराधों की प्रकृति के अनुरूप अग्रिम जांच और अनुसंधान करके सही निष्कर्ष निकालने की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है l
वर्तमान में विभिन्न तरह के अपराधों की जांच के दौरान जो घटनाएं सामने आती है उनका बारीकी से अध्ययन कर सीन को रीक्रिएट करने और इसके विभिन्न पहलुओं की जांच के बाद एक नतीजे पर पहुंचने की पूर्ण प्रक्रिया अपनाई जाती है व सही नतीजे पर पहुंचा जाता है l
असीमित संभावनाओं से जुड़े इस विषय का अंतर्गत जो कार्य किए जाते हैं वह आज की युवा पीढ़ी के रुचि का भी क्षेत्र है और नवीनतम अपराधों में जिस तरह की तकनीकी का उपयोग किया जाता है उसको देखते हुए आवश्यक भी है l
रोजगार की बात करें तो फॉरेंसिक साइंस का अध्ययन करने के बाद केंद्र एवं राज्य स्तर पर कई विभागों में विभिन्न पदों की नियुक्तियां उपलब्ध होती है साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार की काफी उपलब्धता है l
देश में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गांधीनगर गुजरात में स्थित है जो विश्व स्तर का प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान है l संस्थान में फॉरेंसिक साइंस से जुड़े विभिन्न विषयों के निष्णात विद्वानों का मार्गदर्शन उपलब्ध है साथ ही नवाचारों और संसाधनों के माध्यम से अध्यनरत विद्यार्थियों को बेहतरीन मार्गदर्शन देने का कार्य किया जाता है l वैश्विक प्रतिष्ठा प्राप्त संस्थान एन एफ एस यू में देश और विदेश के विद्यार्थी अध्यनरत है l यहां पर एक निश्चित संख्या में प्रवेश होते हैं जिसके लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है l एन एफ एस यू संस्थान से संबंधित संस्थाएं देश भर में फॉरेंसिक साइंस विषय का संचालन कर रही है और युवाओं को इस विषय में विशेषज्ञ बनाने का कार्य किया जा रहा है l
गुजरात के ही जेतलपुर अहमदाबाद में एन एफ एस यू से संबद्ध प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान नर नारायण शास्त्री इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में भी फॉरेंसिक साइंस से जुड़े विषयों के प्रभावी अध्यापन का कार्य किया जा रहा है l फॉरेंसिक साइंस से जुड़ी अध्ययन सुविधाओं से परिपूर्ण संस्थान में देश के प्रमुख व अग्रणी शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू कर बेहतरीन व्यवस्थाएं की जा रही है l संस्थान के कैंपस डायरेक्टर संजय शर्मा कहते हैं कि देश और दुनिया में आ रहे बदलाव और नवीनतम सुविधाओं व गैजेट्स की उपलब्धता के साथ हर कार्य क्षेत्र में बदलाव आया है l अपराधों के मामले में भी नित नई कार्य पद्धति के माध्यम से काम करने की सूचनाओं मिलती है जिसे देखते हुए फॉरेंसिक साइंस के विषय के माध्यम से ही इनके अनुसंधान और जांच की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है l
वरिष्ठ प्राध्यापक एवं तकनीकी विशेषज्ञ रवि कुमार कहते हैं कि वर्तमान तकनीकी दौर में सुविधाओं और व्यवस्थाओं मैं लगातार इंप्रूवमेंट हो रहा है और अपडेटेशन की प्रक्रिया लगातार बनी हुई है ऐसी स्थिति में अनुसंधान के क्षेत्र में भी तकनीकी तौर पर अपडेट रहकर कार्य किया जा सकता है l फॉरेंसिक साइंस का विषय लगातार अपडेट हो रहा है और इसके माध्यम से अच्छे परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं l वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ गीता गुप्ता का कहना है कि अपराधों की जांच के दौरान अपराध करने के तौर तरीकों व प्रक्रिया पर ध्यान देकर विश्लेषण करने पर सही नतीजे पर पहुंचा जा सकता हैं l इसके लिए हर तरह के पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है फॉरेंसिक साइंस के अध्यापन के दौरान विद्यार्थियों को अपराधों के बारे में जानकारी देने के साथ ही इनके जांच संबंधी तकनीकी के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाता है l संस्थान के प्राध्यापक एरोमल वेणुगोपाल का मानना है कि इस नवीन तकनीकी ने अपराधों की जांच को सुगम बना दिया है और कई ऐसे अपराधों का भी खुलासा हुआ है जिनके बारे में अनुमान लगाना पहले कठिन माना जाता था l फिंगरप्रिंट से लेकर डीएनए तक की जांच के द्वारा जो कार्य किया जाता है उसकी विश्वसनीयता पूर्ण रूप से मान्य है इसमें कोई संदेह नहीं है l

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