मुंबई, दिव्यराष्ट्र/मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ) ने सोमवार को अपने नवीनतम फंड ऑफर “मोतीलाल ओसवाल डिजिटल इंडिया फंड” के लॉन्च की घोषणा की। यह फंड लंबी अवधि में पूंजीगत वृद्धि पर विचार करने वाले निवेशकों के लिए प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, मीडिया, मनोरंजन और अन्य संबंधित सहायक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल स्पेस में निवेश करने वाली एक ओपन – एंडेड इक्विटी योजना है।
फ़ंड का ब्यौरा:
एनएफओ अवधि: 11अक्टूबर 2024 – 25अक्टूबर 2024
निवेश का उद्देश्य: इस योजना का प्राथमिक निवेश उद्देश्य मुख्य रूप से डिजिटल और प्रौद्योगिकी पर निर्भर कंपनियों, हार्डवेयर, पेरिफेरल और कम्पोनेन्टस, सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, मीडिया, इंटरनेट और ई – कॉमर्स और डिजिटलीकरण संबंधित या उनसे लाभ उठाने वाली अन्य कंपनियों में निवेश करके पूंजी का दीर्घकालिक विकास करना है।
बेंचमार्क: बीएसई टेक टोटल रिटर्न इंडेक्स
पोर्टफोलियो रणनीति: फंड का पोर्टफोलियो केंद्रित होगा। निवेश करते समय भविष्य में उच्च वृद्धि की संभावना रखने वाली गुणवत्ताधारी कंपनियों में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
निवेशक प्रोफ़ाइल: यह डिजिटल और प्रौद्योगिकी से संबंधित कंपनियों के मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश करके लंबी अवधि में पूंजी वृद्धि की इच्छा रखने वाले निवेशकों के लिए तैयार किया गया है।
एमओएएमसी में किए गए आंतरिक अनुसंधान के अनुसार, भारत डिजिटल माध्यम अपनाने के कई प्रमुख आयामों में दुनिया के शीर्ष दो देशों में से एक है, जिनमें शामिल हैं।
,इंटरनेट उपयोग, जो 2014 के बाद से चार गुना बढ़ गया है और अगले साल तक एक अरब तक पहुंचने की उम्मीद है।
,स्मार्टफोन उपयोगकर्ता, जो 2010 के बाद से तीस गुना बढ़ गए हैं।,
यूपीआई का उपयोग, और डिजिटल व्यवसाय संचालन। भारत में लगभग 1,013 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता और 751.5 मिलियन हाई – स्पीड इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। जुलाई 2024 तक, भारत में 350 मिलियन से अधिक लोग दैनिक लेनदेन के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं, जिसकी कुल राशि 144 बिलियन रुपये है।
डिजिटल भुगतान करना अधिकांश लेनदेन का मुख्य तरीका बन गया है, खासकर ग्रामीण भारत में, जहां 38% उपयोगकर्ता डिजिटल भुगतान का उपयोग करते हैं। एक औसत भारतीय प्रतिदिन लगभग 6 घंटे 45 मिनट ऑनलाइन बिताता है, जिसमें ई – कॉमर्स वेबसाइटों, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और ऑनलाइन बाजारों पर सबसे अधिक ट्रैफ़िक होता है। पिछले पांच वर्षों में, सास कंपनियों, बी2बी ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों, डिजिटल विज्ञापनों, सॉफ्टवेयर उद्योगों, फिनटेक, फूडटेक, इंसुरटेक और डिजिटल लॉजिस्टिक्स संबंधित सभी व्यवसायों ने उद्योग के आकार और आय दोनों पहलूओं में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। इसके परिणामस्वरूप डिजिटल क्षेत्रों में तीव्र वृद्धि के अवसर पैदा हुए हैं, जिनका मूल्य लगभग $ 900 बिलियन है।
डिजिटल फंड स्पेस पर बोलते हुए, मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ, प्रतीक अग्रवाल कहते हैं, “अमेरिका, चीन और दुनिया भर की तरह भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था के भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। मजबूत और निरंतर व्यावसायिक विकास अच्छे निवेश परिणाम प्राप्त करने की कुंजी है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और हमारे अधिकांश विविध फंडों में इस संदर्भ को ध्यान में रखा गया है। अब हम इस विषय पर केंद्रित एक फंड ला रहे हैं। यह फंड उन निवेशकों के लिए तैयार किया गया है जो डिजिटल और प्रौद्योगिकी से संबंधित कंपनियों के मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में निवेश करके दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि चाहते हैं।”
गुणवत्ता, विकास, दीर्घावधि और मूल्य (क्यूजीएलपी) के सिद्धांत पर काम करते हुए, मोतीलाल ओसवाल डिजिटल इंडिया फंड निवेश के लिए एक अनुशासित दृष्टिकोण रखता है। यह स्टॉक वेटेज, स्टॉक साइज, सेक्टर साइजिंग और विविधीकरण रणनीति का मूल्यांकन करने के लिए लगातार और टिकाऊ प्रदर्शन, लाभ लेने/नुकसान रोकने के फ्रेमवर्क और स्ट्रिंजेंट लिक्विडिटी फ्रेमवर्क सुनिश्चित करने के लिए जोखिम प्रबंधन फ्रेमवर्क का उपयोग करता है।