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“कैकेयी में शक्ति, निष्ठा और मातृत्व भाव जैसे गुण थे, लेकिन उन्हें अक्सर उनकी महत्वाकांक्षा के लिए ही याद किया जाता है*”

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— सोनी सब के ‘वीर हनुमान’ में रानी कैकेयी की भूमिका निभा रहीं हुनर हाली गांधी

मुंबई, दिव्यराष्ट्र/ सोनी सब के पौराणिक धारावाहिक ‘वीर हनुमान’ में रानी कैकेयी की भूमिका निभा रहीं हुनर हाली गांधी को उनकी प्रभावशाली और भावनात्मक प्रस्तुति के लिए दर्शकों से भरपूर सराहना मिल रही है। अपने अभिनय में संवेदनशीलता और गरिमा लाने के लिए जानी जाने वाली हुनर ने इस किरदार को एक नई गहराई दी है, जिसे अक्सर सिर्फ एक निर्णायक फैसले के लिए याद किया जाता है। ‘वीर हनुमान’ भगवान हनुमान के बाल्यकाल की यात्रा को दर्शाता है।

इस स्पष्ट और भावनात्मक बातचीत में हुनर ने रानी कैकेयी की भूमिका, उनके दृष्टिकोण और हनुमान जी के मूल्यों के प्रति अपने समर्पण को साझा किया।

1. जब आपको रानी कैकेयी की भूमिका का प्रस्ताव मिला तो आपकी प्रतिक्रिया क्या थी?
मैं बेहद उत्साहित थी! चार साल पहले देवी रुक्मिणी का किरदार निभाने के बाद से मैं पौराणिक शैली में वापसी की उम्मीद कर रही थी, और ‘वीर हनुमान’ में रानी कैकेयी का किरदार मेरे लिए बिल्कुल सही समय पर आया। काम का माहौल बहुत सहयोगात्मक और पेशेवर है—यह किसी खास यात्रा का हिस्सा बनने जैसा अनुभव है।

2. इस किरदार को निभाने में सबसे कठिन और सबसे संतोषजनक पहलू क्या रहे?
यह किरदार बारीकियों से भरा है। भारी गहने, विग, मुकुट और विस्तृत परिधान पहनकर गर्मी में शूट करना शारीरिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। फिर भी मैं ये सब मुस्कान के साथ करती हूं, क्योंकि असली इनाम दर्शकों की भावनात्मक प्रतिक्रिया है। जब लोग आपके किरदार से जुड़ते हैं, तो सारी मेहनत सार्थक लगती है।

3. आपने कैकेयी जैसी प्रतिष्ठित और जटिल पौराणिक चरित्र के लिए किस प्रकार तैयारी की?
पौराणिक किरदारों में ठहराव, गरिमा और वाणी व भाव-भंगिमा में शुद्धता की आवश्यकता होती है। कैकेयी एक योद्धा रानी थीं, इसलिए फिटनेस और आत्म-नियंत्रण बेहद जरूरी था। मैंने उनके भावनात्मक पक्ष पर विशेष ध्यान दिया—उनकी भक्ति, रामजी के प्रति प्रेम, और उनके भीतर का द्वंद्व। लोग कैकेयी को अक्सर एक ही निर्णय से आंकते हैं, लेकिन वह सिर्फ एक पक्ष है। वह एक साहसी और स्नेही माँ भी थीं।

4. एक मां और रानी के रूप में कैकेयी की नीयत और निर्णयों से आप किस हद तक भावनात्मक रूप से जुड़ती हैं?
पूरी तरह से। मेरे लिए यह बात सबसे ज्यादा मायने रखती है कि जीवन में अक्सर हमें एक गलती के लिए आंका जाता है, बाकी सारे अच्छे काम भूल जाते हैं। यही कैकेयी के साथ हुआ। उनकी शक्ति, निष्ठा और मातृत्व जैसे गुणों के बावजूद लोग उन्हें केवल उनकी महत्वाकांक्षा से जोड़ते हैं। ‘वीर हनुमान’ में उनका कोमल पक्ष दिखाया गया है। मेरे और बाल राम के दृश्य सच्चे स्नेह और गर्मजोशी से भरे हैं, जिससे कैकेयी को एक बहुआयामी माँ और स्त्री के रूप में प्रस्तुत करने का अवसर मिला।

5. पौराणिक धारावाहिकों में वेशभूषा, भाषा और सेटअप बेहद भव्य होते हैं। पहले दिन का अनुभव कैसा रहा?
मैं सचमुच अभिभूत थी। खुद माँ न होने के बावजूद भगवान राम की माँ की भूमिका निभाना मेरे लिए भावनात्मक रूप से बहुत संतोषजनक रहा। यही तो अभिनय की खूबसूरती है—यह आपको वह अनुभव जीने का मौका देता है जो शायद असल जीवन में न मिले। कैकेयी की वेशभूषा और आभा ने पहले दिन से मुझे आत्मविश्वास और जुड़ाव का एहसास दिलाया।

6. शो में भगवान हनुमान की वीरता, शक्ति और भक्ति को प्रमुखता दी गई है। इनमें से कौन सी बात आपको सबसे अधिक प्रभावित करती है?
हनुमान जी निष्ठा, निस्वार्थता और विनम्रता का प्रतीक हैं। आज के समय में ये मूल्य कहीं खोते जा रहे हैं। भरोसा बहुत नाज़ुक हो गया है—मैंने अपनी जिंदगी में कुछ करीबी रिश्तों को टूटते देखा है। इसलिए मेरे लिए ईमानदारी और निष्ठा बहुत मायने रखती है। हनुमान जी हमें ये सिखाते हैं कि बिना अहंकार के सेवा और सच्चे रिश्तों में कितनी शक्ति होती है।

 

7. आपने हाल ही में शूटिंग शुरू की है। अपने सह-कलाकारों के साथ आपका रिश्ता कैसा बन रहा है?
बाल राम की भूमिका निभा रहे तन्मय ऋषि बेहद प्यारे और समझदार हैं। ऑन-स्क्रीन संबंध को बेहतर बनाने के लिए मैंने उनकी अपनी माँ से रिश्ते को समझने की कोशिश की, और उन्होंने भी बड़ी मदद की। उनकी प्रोफेशनल अप्रोच इतनी छोटी उम्र में काबिल-ए-तारीफ़ है। मैं कोशिश करती हूं कि सभी को मुस्कान के साथ ग्रीट करूं और एक सकारात्मक दिन की शुरुआत करूं।

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