जयपुर, दिव्यराष्ट्र/: सात साल के लंबे अंतराल के बाद, जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रत्न और आभूषण निर्यात के लिए हैंड कैरिज (व्यक्तिगत वहन) सुविधा को औपचारिक रूप से फिर से शुरू कर दिया गया है। जयपुर कस्टम्स ने इस संबंध में एक स्थानीय सार्वजनिक सूचना जारी की, जिसके तहत जयपुर एयरपोर्ट से रत्न और आभूषण के आयात-निर्यात की हैंड कैरिज सुविधा तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
यह सुविधा वर्ष 2019 में परिचालन संबंधी चुनौतियों के कारण बंद कर दी गई थी। लेकिन मार्च 2025 में CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) द्वारा जारी पब्लिक नोटिस के बाद इसे फिर से शुरू किया गया, जिसमें जयपुर सहित 9 नामित हवाई अड्डों से हैंड कैरिज निर्यात की अनुमति दी गई है। यह पहल विदेश व्यापार नीति का हिस्सा है।
सीबीआईसी के निर्देश पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीजेईपीसी) ने आयुक्त कस्टम्स श्री आर.के. चंदन के साथ मिलकर इस सुविधा को जल्दी चालू करने की दिशा में सक्रिय और व्यावहारिक कदम उठाए। श्री चंदन के व्यक्तिगत मार्गदर्शन में स्थानीय नोटिफिकेशन जारी की गई, जिससे कस्टम्स क्लियरेंस के बाद ज्वेलरी की आसान और वैध हैंड कैरिज संभव हो सकी।
इस विकास को जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड का भी पूरा सहयोग मिला, जिसने आवश्यक बुनियादी ढांचा तुरंत उपलब्ध कराया और अधिसूचना जारी होते ही उसी दिन सुविधा को सक्रिय कर दिया।
यह उपलब्धि सीजेईपीसी के निरंतर प्रयासों का परिणाम है, जिसने वर्षों से विभिन्न सरकारी प्राधिकरणों के साथ संवाद कर इस सुविधा को फिर से बहाल करवाने का प्रयास किया। सीजेईपीसी ने हमेशा क्षेत्र के निर्यातकों के हितों को प्राथमिकता दी है और हैंड कैरिज की सुविधा को व्यापार के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना है।
इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए सीजेईपीसी (राजस्थान क्षेत्र) के अध्यक्ष योगेन्द्र गर्ग ने कहा:
“जयपुर से हैंड कैरिज को फिर से शुरू कर जेम्स एंड ज्वेलरी व्यापार के लिए एक बड़ी जीत है। सीजेईपीसी ने कई वर्षों से इस दिशा में प्रयास किए हैं और हम आयुक्त श्री आर.के. चंदन के आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने व्यापार की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी। साथ ही, जयपुर एयरपोर्ट लिमिटेड का भी धन्यवाद, जिन्होंने त्वरित रूप से आधारभूत संरचना प्रदान की। यह कदम जयपुर के निर्यातकों के लिए व्यापार को आसान बनाएगा और व्यापारिक दक्षता को बढ़ावा देगा।”
यह सुविधा विशेष रूप से उन निर्यातकों के लिए फायदेमंद होगी, जो हाय हैंड वैल्यू और समय-संवेदनशील शिपमेंट में काम करते हैं। साथ ही, यह कदम जयपुर को एक प्रमुख आभूषण निर्यात केंद्र के रूप में और सशक्त करेगा।
द जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्टस प्रमोशन काउंसिल *
जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीजेईपीसी) की स्थापना वर्ष 1966 में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा की गई थी। यह भारत सरकार द्वारा स्थापित कई निर्यात संवर्धन परिषदों में से एक है, जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता के बाद भारत की वैश्विक व्यापार में भागीदारी को बढ़ावा देना था। वर्ष 1998 से सीजेईपीसी को स्वायत्त दर्जा प्रदान किया गया है। सीजेईपीसी आज भारत के रत्न और आभूषण उद्योग की शीर्ष संस्था है और वर्तमान में यह 10,700 से अधिक सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है, जबकि इसके क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, सूरत और जयपुर जैसे प्रमुख जेम एंड ज्वेलरी क्लस्टर्स में मौजूद हैं। इन कार्यालयों के माध्यम से परिषद अपने सदस्यों से निकट और प्रभावी संपर्क स्थापित करती है, जिससे सेवाएं अधिक सुलभ और उपयोगी बनती हैं। पिछले कुछ दशकों में सीजेईपीसी ने निर्यात संवर्धन की दिशा में अपनी पहुंच और गहराई दोनों में निरंतर विस्तार किया है। यह परिषद आज भारत के सबसे सक्रिय निर्यात संवर्धन संगठनों में से एक है, जो न केवल देश के रत्न और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रही है, बल्कि अपने सदस्यों को प्रशिक्षण, नीति सलाह, विपणन, ब्रांडिंग और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच जैसी व्यापक सेवाएं भी प्रदान कर रही है।