“उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित अंतर्देशीय जलमार्गों से भारत में लॉजिस्टिक्स विकास से ‘विकसित भारत’ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि को साकार रूप मिलेगा” – सर्बानंद सोनोवाल
जोगीघोपा, दिव्यराष्ट्र/ केंद्रीय बंदरगाह, पोत एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज यहां जोगीघोपा में अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल (आईडब्ल्यूटी) राष्ट्र को समर्पित किया। इस टर्मिनल का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2021 में किया था। भूटान में गलेफू से केवल 91 किलोमीटर, बांग्लादेश सीमा से 108 किलोमीटर और गोवाहाटी से 147 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह टर्मिनल रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यह बांग्लादेश और भूटान के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में भी महत्व रखता है। जोगीघोपा टर्मिनल भारत एवं बांग्लादेश के बीच पीआईडब्ल्यूटीएंडटी के तहत् घोषित बंदरगाहों में से एक है। वर्ष 2027 तक, इस टर्मिनल से लगभग 1.1 मिलियन टन प्रति वर्ष कार्गो हैंडलिंग का अनुमान है।
इस अवसर पर केंद्रीय बंदरगाह, पोत एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आज जबकि हम जोगीघोपा में आईडब्ल्यूटी टर्मिनल को राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं, यह दिन देश के जलमार्ग परिवहन की दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में, जलमार्ग परिवहन में बड़े पैमाने पर बदलाव आ रहा है जो कि भारत के लॉजिस्टिक्स विकास को बढ़ावा देते हुए मोदी जी की विकसित भारत की दृष्टि को साकार कर रहा है। जोगीघोपा में आईडब्ल्यूटी टर्मिनल इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी में व्यापक रूप से बदलाव लाने के साथ-साथ भूटान और बांग्लादेश के साथ हमारे त्रिपक्षीय संबंधों को भी मजबूती देगा। इसकी रणनीतिक स्थिति के चलते यह इस क्षेत्र में आर्थिक तेजी लाएगा जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पहले पड़ोसी’ की नीति के अनुरूप है। भारत रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अनेक परियोजनाओं तथा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार समेत अन्य पड़ोसी देशों के साथ समझौतों के जरिए बेहतर क्षेत्रीय व्यापार और निर्बाध परिवहन कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए अपने आपको महत्वपूर्ण जलमार्ग गेटवे के रूप में स्थापित कर रहा है। भारत के इन प्रयासों से दक्षिण एशिया के विकास और एकीकरण में योगदान के साथ-साथ क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य की सस्टेनेबिलिटी को भी बढ़ावा मिलेगा।
लगभग ₹82 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित जोगीघोपा आईडब्ल्यूटी टर्मिनल में एक आरसीसी जेटी और कार्गो हैंडलिंग के लिए इलेक्ट्रिक लेवल लफिंग (ईएलएल) क्रेन का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, इस टर्मिनल में एक प्रशासनिक इमारत, कस्टम्स कार्यालय की इमारत, इमीग्रेशन कार्यालय, ट्रक पार्किक क्षेत्र, पावर बैक अप के साथ 1100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में भंडारण की सुविधा भी है।
अंतरदेशीय जलमार्गों की भूमिका को रेखांकित करते हुए, सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “अंतर्देशीय जलमार्गों का विकास भारत में लॉजिस्टिक्स सेक्टर में व्यापक बदलाव लाने की दृष्टि से काफी भरोसा जगाता है। हम देश में नदियों एवं अन्य जलमार्गों के व्यापक नेटवर्क का भरपूर उपयोग करते हुए, मालढुलाई के लिए सस्टेनेबल, किफायती, तथा कुशल परिवहन माध्यम तैयार कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार ने कई उल्लेखनीय कानून जैसे राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अलावा, अंतर्देशीय पोत अधिनियम, 2021 समेत अन्य कई को लागू किया है जिससे कार्गों एवं यात्रियों के आवागमन के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन का मजबूत तंत्र विकसित करने में मदद मिलेगी।”
जोगीघोपा आईडब्ल्यूटी टर्मिनल के उद्घाटन अवसर पर ल्योन्पो नामग्याल दोरजी, माननीय उद्योग, वाणिज्य एवं रोज़गार मंत्री, भूटान; रंजीत कुमार दास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, असम सरकार; बिमल बोराह, उद्योग एवं वाणिज्य, उद्यम मंत्री, असम सरकार; जोगेन मोहन, परिवहन मंत्री, असम सरकार; फणी भूषण चौधरी, सांसद (बारपेटा); रकीबुल हुसैन, सांसद (ढुबरी); प्रदीप सरकार, विधायक (अभयापुरी); विजय कुमार, आईएएस, चेयरमैन, आईडब्ल्यूएआई समेत अन्य कई गणमान्य जन उपस्थित थे।
पूर्वोत्तर में, एनडब्ल्यू-2 के विकास के अलावा पांडु में पोत मरम्मत सुविधा, बोगीबील टर्मिनल का विकास, पांडु में लास्ट माइल कनेक्टिविटी समेत अन्य कई परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं।