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आईपीआरएस ने ‘माय म्यूज़िक, माय राइट्स’ के दूसरे सीज़न की पुणे में शानदार शुरुआत की

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पुणे, दिव्यराष्ट्र/इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसायटी (आईपीआरएस) के ‘माय म्यूज़िक, माय राइट्स: क्रिएटर्स कनेक्ट प्रोग्राम’ के दूसरे सीज़न का पहला सत्र कल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। पुणे के अजींकी डॉ. डी. वाय. पाटिल यूनिवर्सिटी में आयोजित इस कार्यक्रम को संगीत क्षेत्र के निर्माताओं, स्वतंत्र कलाकारों और उद्योग जगत के पेशेवरों से शानदार प्रतिक्रिया मिली।
इस मंच के माध्यम से भाग लेने वाले संगीत निर्माताओं को बौद्धिक संपदा अधिकार संगीतकारों की रॉयल्टी , म्यूज़िक पब्लिशिंग, संगीत निर्माण को बेहतर बनाने की तकनीक और यूट्यूब के माध्यम से अवसरों का लाभ उठाने के तरीकों के बारे में जानकारी मिली। इसके अलावा, नए कलाकारों के लिए संगीत उद्योग में अपनी पहचान बनाने और संगीत क्षेत्र में विविधता बढ़ाने पर महत्वपूर्ण पैनल चर्चाएं भी आयोजित की गईं।
इस सत्र में कई अनुभवी विशेषज्ञों ने संगीतकारों को उपयोगी मार्गदर्शन दिया। साथ ही, उद्योग के विशेषज्ञों ने संगीत निर्माण के बाज़ार में उपलब्ध अवसरों, महत्वपूर्ण रणनीतियों और उपायों पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं में करण ग्रोवर (सीनियर डायरेक्टर, इंडिया, मिडल ईस्ट और अफ्रीका – डॉल्बी लैब्स), सागरिका दास (सीईओ सागरिका म्यूज़िक), भास्कर नायर (पार्टनर इंजीनियर, यूट्यूब म्यूज़िक), निखिल नेरकर (स्ट्रेटेजिक पार्टनर मैनेजर, यूट्यूब म्यूज़िक), चंद्रिका शाह (इंडिया हेड, होरस म्यूज़िक), सई तेम्भेकर (गायिका व गीतकार) और मुर्तुजा गडीवाला (संस्थापक, आउटराइट पब्लिशिंग) शामिल थे।
इसके अलावा, आईपीआरएस की मार्केटिंग, कम्युनिकेशन और मेंबर रिलेशंस हेड, रुम्पा बनर्जी ने संगीतकारों के लिए रॉयल्टी प्रबंधन और संगीत कॉपीराइट संगठनों की भूमिका पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
इस आयोजन की सफलता पर टिप्पणी करते हुए आईपीआरएस के सीईओ राकेश निगम ने कहा, “आज संगीत निर्माताओं द्वारा दिखाई गई उत्सुकता और जिज्ञासा देखकर अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है। आईपीआरएस के माध्यम से हम संगीतकारों को उनके अधिकारों और उपलब्ध संसाधनों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। विभिन्न प्रकार के कलाकारों को एक मंच पर आकर सीखने, अनुभव साझा करने और आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है, यही इस पहल का असली उद्देश्य है। हमारा लक्ष्य संगीतकारों को उनके अधिकारों की पहचान कराना, उनके योगदान को मान्यता दिलाना और उन्हें न्याय दिलाना है।”
इस कार्यक्रम ने संगीत निर्माताओं को उद्योग के नवीनतम रुझानों और पेशेवर दृष्टिकोण को समझने का अवसर दिया। साथ ही, यह कलाकारों के लिए अपने विचार साझा करने और व्यावसायिक नेटवर्क बढ़ाने के लिए एक प्रभावी मंच साबित हुआ।
इस पहल का अगला चरण अहमदाबाद (6 फरवरी), बेंगलुरु (20 फरवरी), चेन्नई (6 मार्च), लखनऊ (26 मार्च) और पटना (9 अप्रैल) में आयोजित किया जाएगा।
इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसायटी (आईपीआरएस)संगीत निर्माताओं को सशक्त बनाने, उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और एक न्यायसंगत एवं समृद्ध संगीत उद्योग के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

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