जयपुर। सस्टेनेबल डेवलपमेंट टीचर्स, साइंटिस्ट्स या किसी एक वर्ग की जिम्मेदारी नहीं है, इस लक्ष्य को हासिल करने में हम सभी को अपना हरसंभव योगदान देना होगा। गुरुवार को शुरू हुई तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में देश—विदेश से शामिल हुए वैज्ञानिकों, इंजीनियर्स और शिक्षाविदों ने एक स्वर में यह बात कही। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में ‘इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ विषय पर यह कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड द्वारा प्रायोजित इस कॉन्फ्रेंस में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, आईटी, एआई, मशीन लर्निंग ट्रैक में रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल ए. अरुण, पीवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम; चीफ ऑफ स्टाफ, साउथ वेस्टर्न कमांड कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे, जबकि ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, न्यूजीलैंड के प्रो वाइस-चांसलर इंटरनेशनल प्रो. गाइ लिटिलफेयर गेस्ट ऑफ ऑनर और दक्षिण अफ्रीका की नेक्सस यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट डॉ. कगोमोस्त्सो मोरोटोला स्पेशल गेस्ट रहे। लेफ्टिनेंट जनरल ए. अरुण ने प्रतिभागियों को मोटिवेट करते हुए कहा कि आप सफल हों या ना हों, लेकिन हमेशा बड़ा सोचो और बड़े आइडिया पर काम करो। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए आप कुछ नया व इनोवेटिव सोचकर उस पर जरूर कार्य करें। प्रो. गाइ लिटिलफेयर ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट में विज्ञान व इंजीनियरिंग की भूमिका को रेखांकित किया।
पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. सुरेश चंद्र पाढ़ी ने कुछ बड़ी कंपनियों की विफलता के उदाहरण देते हुए बताया कि समय के साथ चलना और अपने आपको अपडेट रखना अत्यंत आवश्यक है। प्रो. प्रेसिडेंट डॉ. मनोज गुप्ता ने वर्तमान समय में इस तरह की कॉन्फ्रेंस की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. चांदनी कृपलानी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डीन डॉ. सुनील गुप्ता और फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन डॉ अंकुश जैन थे। उपस्थित थे। अंत में कॉन्फ्रेंस की संयोजक डॉ. रिया मजूमदार द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह कॉन्फ्रेंस आईजीबीसी जयपुर चैप्टर, अशरे राजस्थान, नेक्सस यूनिवर्सिटी, एमएनआईटी—जयपुर और मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे संस्थानों के सहयोग से आयोजित की जा रही है।