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भारत की पहली अपतटीय डी-कमिशनिंग परियोजना सफलतापूर्वक पूर्ण

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रिलायंस, शेल और ओएनजीसी ने संयुक्त रूप से हासिल की उपलब्धि

नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/ भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए शेल (बीजीईपीआईएल), रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (आरआईएल) और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) ने देश की पहली अपतटीय सुविधाओं की डी-कमिशनिंग परियोजना को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। इस परियोजना के अंतर्गत मध्य और दक्षिण तपती क्षेत्रों की अपतटीय संरचनाओं को सुरक्षित और पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप हटाया गया।

पन्ना-मुक्ता और तपती (पीएमटी) संयुक्त उपक्रम में ओएनजीसी की 40 फीसदी भागीदारी है, जबकि शेष 60 प्रतिशत हिस्सेदारी आरआईएल और बीजीईपीआईएल (शेल) के बीच समान रूप से विभाजित है। इस परियोजना के अंतर्गत पाँच वेलहेड प्लेटफार्म, संबंधित पाइपलाइनों का निष्कासन, 38 कुओं का सुरक्षित बंद करना तथा रत्नागिरी स्थित ऑनशोर यार्ड में संरचनाओं का निस्तारण शामिल है।

तपती क्षेत्र से उत्पादन मार्च 2016 में समाप्त हुआ था। इसके पश्चात यह परियोजना अत्यंत योजनाबद्ध ढंग से ‘मेक इन इंडिया’अभियान के अनुरूप भारतीय कंपनियों, लार्सन एंड टुब्रो और चौगुले शिपयार्ड, को निष्पादन कार्य सौंपकर संपन्न की गई। यह परियोजना न केवल तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण थी, बल्कि इसने भारत में अपतटीय डी-कमिशनिंग के लिए नियामकीय और संचालनात्मक मॉडल की एक नई आधारशिला भी रखी।

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