Home न्यूज़ भारतीय संस्कृति अब अवहेलना और अपमान की शिकार नहीं रही : शेखावत

भारतीय संस्कृति अब अवहेलना और अपमान की शिकार नहीं रही : शेखावत

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-केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने पत्रकारों से की वार्ता

नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार हुए हैं, जिनसे भारतीयों को सामाजिक-आर्थिक के साथ ही बौद्धिक लाभ भी मिल रहा है। भारतीय संस्कृति अब अवहेलना और अपमान की शिकार नहीं रही, देश के वातावरण में इस बदलाव को महसूस किया जा सकता है। इस क्रम में दुनिया का सबसे बड़ा युग युगीन संग्रहालय नई दिल्ली में बन रहा है।

गुरुवार को अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता में शेखावत ने कहा कि राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, वैश्विक काशी संस्कृति पथ, पुरावशेषों का प्रत्यावर्तन, शास्त्रीय भारतीय भाषाओं की संख्या में वृद्धि, परी परियोजना, पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन का आयोजन और संविधान अपनाने के 75वें वर्ष का स्मरण दिवस आदि पहलें अतुलनीय हैं। महाकुम्भ-2025 का आयोजन हमारी सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाएगा।

शेखावत ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को ‘विकसित भारत’ निर्माण का अभिन्न हिस्सा बनाने की सशक्त तैयारी है। टूरिज्म में 76.17 मिलियन नौकरियां सृजित की गई हैं। पर्यटन दीदी और पर्यटन मित्र कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। विदेशी मुद्रा आय में वर्ष 2014 की तुलना में 42.53 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 28.07 बिलियन डॉलर की आय अनुमानित है। घरेलू पर्यटकों की संख्या में 95.64 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। वैश्विक यात्रा व पर्यटन विकास सूचकांक में भारत की रैंकिंग 65 से 39 पर आ गई है। गंतव्य विकास के लिए 68,00 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं पूरी की गई हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्यों में 3,295.76 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ई-पर्यटक वीजा सुविधा लाभकारी सिद्ध हो रही है। शेखावत ने संस्कृति और पर्यटन क्षेत्र विषयक जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ‘विकास भी, विरासत भी’ की सोच से हम आगे बढ़ रहे हैं।

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