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वाडी सर्जिकल्स के एनलिवा ब्रांड के एक्सीलरेटर-रहित नाइट्राइल ग्लव्स के साथ भारत भी दुनिया की रैंकिंग में शामिल

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• नई राह दिखाने वाले इस इनोवेशन ने स्वास्थ्य सेवा और बहुत अधिक संवेदनशील परिवेश में सुरक्षा की एक नई मिसाल कायम की है।
• भारत में नाइट्राइल ग्लव्स का निर्माण करने वाली सबसे बड़ी कंपनी व्यवस्थित अनुसंधान के ज़रिये लगातार इनोवेशन कर रही है।

विशाखापत्तनम, दिव्यराष्ट्र/ – वाडी सर्जिकल्स भारत में नाइट्राइल ग्लव्स के निर्माण में सबसे आगे है, जिसने अपने फ्लैगशिप ब्रांड एनलिवा के तहत एक्सीलरेटर-रहित नाइट्राइल ग्लव्स के लॉन्च की घोषणा की है, जो इस दिशा में एक शानदार इनोवेशन को दर्शाता है। इन ग्लव्स को गहन अनुसंधान एवं विकास और वैश्विक सहयोग के ज़रिए विकसित किया गया है, जो भारत के पहले एक्सेलरेटर-रहित नाइट्राइल ग्लव्स हैं। इससे जाहिर है कि कंपनी ने त्वचा के लिए सुरक्षित, एलर्जी-मुक्त ग्लव्स के निर्माण में एक बड़ी छलांग लगाई है, जो हाथों के लिए बिल्कुल सुरक्षित हैं।

इस इनोवेशन के बाद ग्लव्स के निर्माण में थिउरम्स, कार्बामेट्स और MBTs कम्पाउंड जैसे सामान्य रासायनिक एक्सीलरेटर्स के उपयोग की जरूरत नहीं रहती है, जो बार-बार ग्लव्स पहनने वालों में एलर्जिक कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (टाइप IV हाइपरसेंसिटिविटी) का कारण बनते हैं। इन ग्लव्स का निर्माण वैकल्पिक गैर-संवेदनशील क्रॉसलिंकिंग एजेंटों का उपयोग करके किया गया है, साथ ही इन्हें त्वचा की सुरक्षा, यांत्रिक शक्ति और रासायनिक प्रतिरोध के लिए बेहद सख्त कसौटी पर परखा गया है।

इस मौके पर वाडी सर्जिकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिन्दिथ रेड्डी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “इस लॉन्च के साथ, भारतीय ग्लव्स निर्माण को विश्व स्तर पर इनोवेशन के मामले में सबसे आगे लाना हमारे लिए गौरव की बात है। अब एक्सेलरेटर-रहित नाइट्राइल ग्लव्स सिर्फ दुनिया के ब्रांड्स द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली कोई बेहद खास चीज नहीं रह गई है- हम उन्हें सभी के लिए सुलभ और किफ़ायती बना रहे हैं। ये प्रोडक्ट न केवल स्वास्थ्य कर्मियों और कल-कारखानों में ग्लव्स का उपयोग करने वाला की सेहत से जुड़ी एक बड़ी चिंता को दूर करता है, बल्कि सुरक्षित, उम्दा प्रदर्शन वाले और सस्टेनेबल ग्लव्स उपलब्ध कराने के हमारे संकल्प को भी मजबूत करता है।”

ये ग्लव्स EN 455, EN ISO 374, ISO 13485:2016 और REACH-अनुपालन मानकों के अनुसार प्रमाणित हैं, और ये अस्पतालों, क्लीनरूम, बायोटेक लैब्स, खाद्य प्रसंस्करण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन में उपयोग के लिए उपयुक्त हैं।
सेल्वम सुब्रमण्यम, वाइस प्रेसिडेंट– ऑपरेशंस, ने कहा, “यह उपलब्धि सामग्री विज्ञान में गहराई से इनोवेशन और प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए लगातार की गई मेहनत का नतीजा है। हमारी टीम ने दुनिया के पॉलिमर विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक ऐसा ग्लव्स बनाया है, जो न केवल त्वचा को संवेदनशील बनाने वाले कारकों को दूर करता है, बल्कि टिकाऊपन, लचीलापन और सुरक्षा के वैश्विक मानकों के बराबर या उससे भी बेहतर है। यह भारतीय निर्माण उद्योग के लिए गर्व का अवसर है।”

एनलिवा की एक्सीलरेटर-रहित ग्लव्स की रेंज कई वेरिएंट में उपलब्ध होगी:
• एनलिवा प्रो – BIS मानकों के अनुरूप मेडिकल ग्लव्स
• एनलिवा प्रीमियम नाइट्राइल ग्लव्स– ASTM मानक परीक्षण ग्लव्स
• एनलिवा क्विकड्रा – बहु-उपयोगी डिस्पोजेबल ग्लव्स
• एनलिवा अर्बनशील्ड – फूड-ग्रेड ग्लव्स

अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों को व्हाइट-लेबल और OEM विकल्प भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस प्रगति के साथ, एनलिवा भी एन्सेल के डर्माशील्ड, हार्टलेगा के एनजीएक्स और शील्ड साइंटिफिक जैसे दुनिया के प्रमुख ब्रांडों की बराबरी में आ गया है— जो मेडिकल डिस्पोजेबल्स में अव्वल दर्जे के इनोवेशन में दुनिया का मुकाबला करने की भारत की क्षमता को दर्शाता है।

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