दिव्यराष्ट्र, जयपुर: बजट में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की गई है, विशेष रूप से लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को हटाने का निर्णय। यह कदम पुनर्चक्रण प्रयासों को तेज करेगा, परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और भारत की नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में कमजोरियों को कम करेगा। हालांकि, यदि नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादों के घरेलू पुनर्चक्रण को लक्षित करने वाली एक उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना लागू की जाती, तो यह पहल और अधिक सशक्त हो सकती थी, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता और विकास सुनिश्चित होती।
परमाणु ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा विकसित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार की योजना परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम में संशोधन करने की है, साथ ही छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMRs) के लिए 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू करने की भी योजना है। यह पहल भारत के ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण होगा और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटेगी।
इसके अलावा, बजट में महत्वपूर्ण खनिजों पर विशेष जोर दिया गया है, जिसमें कोबाल्ट, लिथियम-आयन बैटरी कचरा और अन्य आवश्यक सामग्रियों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट देना शामिल है। यह कदम भारत के बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्रों के लिए एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आधार तैयार करता है। इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे, और वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा बाजार में भारत की स्थिति मजबूत होगी।