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कैंसर दिवस- स्वस्थ जीवन के लिए कैंसर के प्रति सचेत रहना है जरूरी

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जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और इस बीमारी से लड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इस दिन का मकसद यह है कि लोगों को कैंसर के बारे में सही जानकारी दी जाए, ताकि वे इससे बचाव कर सकें और अगर किसी को यह बीमारी हो जाए, तो उसे सही इलाज मिल सके।

एक्शन कैंसर हॉस्पिटल, दिल्ली के डायरेक्टर, मेडिकल ऑनकोलॉजी, डॉ. जे. बी. शर्मा ने बताया कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से कैसे सचेत रहा जा सकता है।

कैंसर जैसी घातक बीमारी क्या है?

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कुछ कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बना लेती हैं। हमारे शरीर में लाखों कोशिकाएँ होती हैं, जो एक तय समय पर बढ़ती हैं, काम करती हैं और फिर खत्म हो जाती हैं। लेकिन जब ये कोशिकाएँ बिना किसी रोक-टोक के बढ़ती रहती हैं और मरती नहीं, तो कैंसर बन जाता है। कैंसर किसी भी अंग या शरीर के हिस्से में हो सकता है, जैसे फेफड़े, स्तन, आंत, त्वचा, मुँह या खून। यह बीमारी तब और गंभीर हो जाती है जब कैंसर कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगती हैं, जिसे मेटास्टेसिस कहा जाता है। कैंसर कई प्रकार का हो सकता है, जैसे कि कार्सिनोमा, सार्कोमा, ल्यूकेमिया और लिंफोमा। हर प्रकार का कैंसर अलग-अलग होता है, लेकिन इनमें एक समानता होती है कि यह सभी कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने से होते हैं। कैंसर का जल्दी पता लगाना और सही समय पर इलाज कराना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि शुरुआती चरण में इसे नियंत्रित करना आसान होता है। कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए, इसके बारे में जागरूकता फैलाना बेहद आवश्यक हो गया है।

कैंसर के क्या-क्या कारण हो सकते हैं?

कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, कुछ चीज़ें हमारे कंट्रोल में होती हैं, तो कुछ नहीं। सबसे पहले बात करते हैं तंबाकू और धूम्रपान की। सिगरेट, गुटखा, और तंबाकू वाले प्रोडक्ट का सेवन करने से फेफड़ों, मुँह और गले का कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसी तरह, ज्यादा शराब पीना भी लिवर और पेट के कैंसर का कारण बन सकता है। फिर आता है हमारा खानपान। ज्यादा जंक फूड, तला-भुना खाना, और प्रोसेस्ड फूड खाने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है। इनसे मोटापा बढ़ सकता है, जो कैंसर का एक बड़ा कारण हो सकता है। इसके बजाय फल, सब्जियाँ, और फाइबर से भरपूर खाना खाना चाहिए। अगर आप बिना सनस्क्रीन के ज्यादा देर तक तेज धूप में रहते हैं तो इससे त्वचा का कैंसर हो सकता है। इसी तरह, कुछ केमिकल्स और रेडिएशन के संपर्क में आने से भी कैंसर हो सकता है। कुछ कैंसर आनुवंशिक होते हैं। यानी अगर आपके परिवार में किसी को कैंसर हुआ है, तो आपके अंदर भी इसका रिस्क हो सकता है। इसलिए फैमिली हिस्ट्री को ध्यान में रखना जरूरी है। हमारी जीवनशैली भी मायने रखती है। ज्यादा बैठने वाली जीवनशैली, यानी कम शारीरिक गतिविधि, भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है। इसलिए एक्टिव रहना जरूरी है। कुछ इंफेक्शन्स भी कैंसर की वजह बन सकते हैं, जैसे कि ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) से गर्भाशय का कैंसर हो सकता है। इसलिए वैक्सीनेशन और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।

कैंसर से बचाव है जरुरी:

कैंसर से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना सबसे जरूरी है। धूम्रपान और शराब से पूरी तरह दूरी बनाना, पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना और नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी होता है। हेल्दी डाइट में हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करना चाहिए, जिससे शरीर को आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व मिल सकें। शारीरिक सक्रियता बनाए रखने से मोटापा कम होता है और कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, कैंसर की समय पर जांच और स्क्रीनिंग कराना भी बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राफी और पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए, जिससे ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर का पता जल्दी लगाया जा सके। पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर की जांच करानी चाहिए, खासकर 50 वर्ष की उम्र के बाद। कुछ वैक्सीन भी कैंसर से बचाव में मदद कर सकती हैं, जैसे कि एचपीवी वैक्सीन, जो सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है। योग, ध्यान और सकारात्मक सोच से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। सही जानकारी और जागरूकता के माध्यम से हम इस घातक बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

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