दिव्यराष्ट्र, जयपुर: छह वर्षों तक नेतृत्व करने और स्थिरता देने में अहम भूमिका निभाने और कॉरपोरेट की दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय संकटों को निपटाने के बाद श्री सीएस राजन, चेयरमैन, आई.एल.एंड.एफ.एस का कार्यकाल 30 सितंबर, 2024 को समाप्त हो गया है।
श्री राजन की जगह आई.एल.एंड.एफ.एस के मौजूदा एमडी श्री नंद किशोर 1 अक्टूबर, 2024 से नए चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का पद संभालेंगे। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार, ने उनकी नियुक्ति को सहमति दी है।
श्री सीएस राजन, चेयरमैन, आई.एल.एंड.एफ.एस ने कहा, “मैं कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, एम.सी.ए,भारत सरकार का बोर्ड में भरोसा व्यक्त करने, समाधान की जटिल प्रक्रिया में मार्गदर्शन करने और ज़रूरत के समय सहायता करने के लिए आभार व्यक्त करता हूं।
मैं आई.एल.एंड.एफ.एस के नए बोर्ड के प्रतिष्ठित सदस्यों का भी धन्यवाद देता हूं – इनमें श्री उदय कोटक भी शामिल हैं जिन्होंने शुरुआती वर्षों में समाधान की जटिल प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अग्रणीभूमिका निभाई। इसके अलावा, स्वर्गीय श्री विनीत नय्यरका, उनके व्यापक ज्ञान और अनुभव के लिए, खासतौर पर सत्यम के समाधान में उनकी भूमिका के लिए,आभार व्यक्त करताहूं|
साथ ही, मैं सभी निदेशकों का उनके बुद्धिमत्तापूर्ण मार्गदर्शन के लिए भी धन्यवाद देताहूं जिन्होंने साथ मिलकर भारत के पहले कॉरपोरेट समूह के समाधान का ढांचा तैयार करने और मुश्किलों से बाहर आने में हमारी मदद की जिसे भारत का लेहमैन मामला माना गया।
आई.एल.एंड.एफ.एस का संकट काफी हद तक टाइटैनिक के डूबने जैसा था जो बर्फ की चट्टान से टकरा गया था। जहां तक संभव हो, उस हद तक मूल्यवान परिसंपत्तियों को वापस पाने और उन्हें जुटाने की जिम्मेदारी भारत सरकार और एन.सी.एल.टी द्वारा नियुक्त किए गए सार्वजनिक हितों का ध्यान रखने वाले बोर्ड को सौंपी गई थी।”
श्री नंद किशोर, एम.डी,आई.एल.एंड.एफ.एसने कहा, “बोर्ड ने पिछले छह वर्षों के दौरान आईएलएफएस ग्रुप को संकट से उबारने में श्री राजन द्वारा दिए गए योगदान की सराहना की और उनके भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
रु61,000 करोड़ रुपये के ऋण समाधान के अनुमानित लक्ष्य के मुकाबले सितंबर 30, 2024, तकलगभग रु55,000 करोड़ रुपये का ऋण समाधान हासिल कर लिया गया, जो कुल अनुमानित ऋण समाधान मूल्य का लगभग 90 फीसदी है।इसमें परिसमापन, इनविट मेट्रांसफर, ऋण भुगतानऔर अंतरिम वितरण के माध्यम से चुकाया गयाऋण शामिल हैं। इसके साथ ही, गोइंग कंसर्न स्टेटस को बनाए रखते हुए राष्ट्रीय संपत्ति के मूल्य को बनाए रखा गया।
इसके साथ-साथ कुल 302 इकाइयों का समाधान करना था, उनमें से 188 इकाइयों का समाधान मौद्रीकरण, इनविट के ट्रांसफर और नकदीकरण के माध्यम से किया गया। इसके अलावा, 38 इकाइयों का मामला अनुमति के लिए अदालतों में विभिन्न स्तरों पर लंबित था और कुछ इकाइयां लगभग रु3,000 करोड़ रुपये के ऋण का नियमित तौर पर निपटारा कर रही हैं।
बकाया ऋण और इकाइयों का समाधान करने के अलावा,उपलब्ध नकदी और इकाइयों के वितरण का काम, अदालत द्वारा अनुमति प्राप्त बकाया लेनदेन को निपटाना और इसके साथ-साथ अदालतों में लंबित मामलों को निपटाना बाकी है।
अलग-अलग तरह के शेयरधारक समझौतों से जुड़ी जटिलताओं और अन्य तरह की निर्भरताओं, ग्रुप के बाहर के ऋणों के जाल के बावजूद नए बोर्ड को भरोसाहैकिवह अनुमति के मुताबिक, समाधान के ढांचे के अंतर्गत, बकाया ऋण के साथ-साथ बाकी बची इकाइयों का समाधान भी जल्दी हो जाएगा।
आई.एल.एंड.एफ.एस कारु61,000 करोड़ का ऋण समाधान का लक्ष्य मौजूदा औसत वसूली के मुकाबले लगभग दोगुना है और अब तक आई.बी.सी के अंतर्गत का किया जाने वाला सबसे बड़ा ऋण समाधान है।