(दिव्यराष्ट्र के लिए डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित, कवि,साहित्यकार)
आज घर घर हम प्लास्टिक की बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करने लगे हैं। जब ये वस्तुएं टूट फुट जाती है तब लोग इन्हें कचरे के ढेर में फेंक देते हैं।ये वस्तुएं जमीन या जल में इकट्ठी हो जाती है इसे ही प्लास्टिक प्रदूषण कहते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण से वन्य जीवों व मानवों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्लास्टिक प्रदूषण पर प्रतिकूल भूमि जलमार्ग व महासागरों को प्रभावित करते हैं।प्लास्टिक में कमी के प्रयास करने हेतु इन्हें रिसाइक्लिंग किया जाता है।
प्लास्टिक उत्पादन से ग्रीन हाउस गेसौं का उत्सर्जन होता है जिसके कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है। प्लास्टिक प्रदूषण से जलवायु परिवर्तन होता है। प्लास्टिक प्रदूषण से अर्थव्यवस्था पर भी असर होता है।सफाई व कचरा प्रबंधन पर बहुत रुपया खर्च होता है।पर्यटन व मत्स्य पालन से होने वाली आय में भी कमी होने लगी है।
प्लास्टिक प्रदूषण से जहरीली धातुएं कार्बनिक पदार्थ अम्लीय गैस व अन्य जहरीले पदार्थ हवा पानी व मिट्टी में निकल जाते हैं।
जलवायु परिवर्तन पर्यावरण पर प्लास्टिक कचरे के कारण होता है।प्लास्टिक का उत्पादन करने में बहुत अधिक ऊर्जा लगती है जो कार्बन उत्सर्जन में योगदान देती है जिनमें से अधिकांश ग्रीन हाउस गैसे हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण गम्भीर बीमारियों को लाता है जिससे कैंसर श्वांस रोग अस्थमा और ह्रदय रोग जन्मजात विकलांगता फेफड़ों की बीमारी मधुमेह अल्सर तथा साथ ही हार्मोन असंतुलन अन्तःस्रावी तंत्र में व्यवधान भी होते हैं।
दुनिया का अधिकतर प्लास्टिक प्रदूषण बोतलों कैप सिगरेट शॉपिंग बेग कप व स्ट्रॉ जैसे एकल उपयोग वाले उत्पादों से बढ़ रहा है।प्रदूषण के स्रोत मुख्य रूप से भूमि आधारित हैं।शहरी व तूफानी जल अपवाह कूड़ा करकट ओधोगिक गतिविधियां टायर घर्षण निर्माण और कृषि से आते हैं।
प्लास्टिक जैविक रूप से अपघटित नहीं होता है।इसे नष्ट होने में एक हज़ार वर्ष तक लग सकते हैं।यह मिट्टी को नुकसान पहुंचाता है।भूजल को जहरीला बनाता है।गम्भीर स्वास्थ्य प्रभाव पैदा करता है।प्लास्टिक से गंदगी बढ़ती है जो मच्छरों व हानिकारक कीड़ों के लिए प्रजनन का आधार बन जाते हैं।
भारत सरकार ने एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा रखा है।किराने की थैलियां प्लास्टिक के चादरे डिस्पोजल कटलरी स्ट्रॉ कॉफी कप का ढक्कन आदि बहुत प्रदूषण फैलाते हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने हेतु आओ मिलकर कदम उठाएं। जब भी बाजार जाएं साथ मे कपड़े का बना थैला जुट का बना थैला ले जाएं।यदि कोई दुकानदार आपको प्लास्टिक थैली में देने लगे तो उन्हें समझाएं कि प्लास्टिक कितना हानिकारक हैं।अपने घर के सदस्यों को प्लास्टिक का उपयोग जीवन मे कभी न करने का संकल्प दिलाएं।मिट्टी से बने पारम्परिक बर्तनों के प्रयोग को बढ़ावा देने का काम करें।बोतलबंद पानी पीने से बचें।खाली होने पर ये बोतल जमीन पर फेंक दी जाती है।प्लास्टिक जमीन या पानी मे घुलता नहीं है।यह 100 साल से ज्यादा समय तक रहता है जिससे प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ता है।प्लास्टिक प्रदूषण के कारण स्वच्छ पानी की कमी हो रही है।हमारी उर्वरा भूमि जल जमीन सभी को प्लास्टिक प्रदूषण प्रभावित कर रहा है।मवेशी प्लास्टिक की थैलियां खा रहे है जिससे उनकी असमय मौत हो रही है।इसलिए प्लास्टिक प्रदूषण कितना हानिकारक है जन जन को समझाएं।आओ मिलकर बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने का महत्वपूर्ण कार्य करें।