दिव्यराष्ट्र, मुंबई: एचडीएफसी बैंक ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर बैंक के सीएसआर कार्यक्रम ‘परिवर्तन’ की शुरुआत से अब तक पूरे भारत में 7.2 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रकाश डाला है। बैंक के पास वर्तमान में विभिन्न राज्यों में कौशल विकास के क्षेत्र में 70 से अधिक सक्रिय परियोजनाएँ हैं, जो आईटी/आईटीईएस, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण और कृषि सहित कई क्षेत्रों को कवर करती हैं।
कौशल विकास और आजीविका संवर्धन, बैंक के परिवर्तन कार्यक्रम का एक प्रमुख केंद्र बिंदु है, जो सभी सीएसआर पहलों के लिए इसका अम्ब्रेला ब्रांड है। इसकी पहल दो प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:
क) रोजगार सृजन के लिए कौशल विकास
ख) विशेष रूप से ग्रामीण समुदायों में उद्यमिता पर जोर देते हुए आजीविका में वृद्धि।
रोज़गार सृजन कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढाँचे (एनएसक्यूएफ) से जुड़े तीन से छह महीने के प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, जो वित्त और व्यावसायिक सेवाएँ, खुदरा और बिक्री, आतिथ्य और पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, आईटी और आईटी सक्षम सेवाएँ, निर्माण और विनिर्माण, सौंदर्य और कल्याण, परिधान और वस्त्र, और शिक्षा और प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं। इन कार्यक्रमों में 60 से 70 प्रतिशत तक प्लेसमेंट दर हासिल की गई है।
बैंक के कौशल केंद्रों में हाल ही में जयपुर में परिवर्तन कौशल अकादमी भी शामिल हुई है, जो स्थायी रोज़गार और उद्यमिता के लिए स्थानीय स्तर पर प्रासंगिक प्रशिक्षण मार्ग प्रदान करती है। यह अकादमी पूरे भारत में एक व्यापक नेटवर्क का हिस्सा है, जिसके माध्यम से एचडीएफसी बैंक का लक्ष्य आने वाले वर्षों में कुल 2 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करना है।
इसके साथ ही, किसानों, स्वयं सहायता समूहों और समुदाय-आधारित उद्यमों सहित छह लाख से अधिक व्यक्तियों को परिवर्तन की आजीविका संवर्धन और उद्यमिता पहलों से लाभ हुआ है, जो स्थायी आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देती हैं। इन पहलों के माध्यम से विकसित कौशलों में बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, हथकरघा बुनाई, मशरूम की खेती, वर्मी कम्पोस्ट और जैविक खेती शामिल हैं।