2028 तक 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य
नई दिल्ली,, दिव्यराष्ट्र/भारत के अग्रणी इंटीरियर इंफ्रास्ट्रक्चर ब्रांड्स में से एक, ग्रीनप्लाई पर्यावरण से कम से कम लेने और अधिक से अधिक लौटाने के सिद्धांतों पर विश्वास करता है। कंपनी का मानना है कि सतत व्यवसायिक सफलता, पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी और समावेशी विकास के साथ गहराई से जुड़ी होनी चाहिए, जिससे न केवल कंपनी बल्कि उससे जुड़ी समुदायों और पारिस्थितिकी तंत्र को भी लाभ मिले। यही सोच ग्रीनप्लाई की प्रमुख पहल ‘ग्रीन विज़न’ में झलकती है।
इस वृक्षारोपण अभियान के तहत अब तक भारतभर में 5 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं, जो कंपनी की हरित भारत की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब ग्रीनप्लाई ने 2028 तक 10 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य तय किया है।
ग्रीन विज़न को आगे बढ़ाते हुए, ग्रीन राइज़ पहल के अंतर्गत कंपनी ने प्रभावशाली व्यक्तियों (इन्फ्लुएंसर्स) को वृक्षारोपण में भागीदारी के लिए जोड़ा है। आर्किटेक्ट्स के नाम पर पौधे लगाकर यह अभियान सामाजिक प्रभाव भी उत्पन्न करता है, जिसका लाभ नागालैंड के तिज़ित जैसे क्षेत्रों में सामुदायिक कल्याण कार्यक्रमों को मिलता है।
सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाने के लिए, ग्रीनप्लाई ने ट्रेड पार्टनर्स और इन्फ्लुएंसर्स को बीज किट्स वितरित की हैं। साथ ही, कंपनी ने एक इंटरऐक्टिव ऑनलाइन टूल लॉन्च किया है, जिससे लोग अपनी पर्यावरणीय छाप जान सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि अपनी जीवनशैली की भरपाई के लिए उन्हें सालाना कितने पेड़ लगाने चाहिए।
एक बड़ी और अनोखी पहल के रूप में, ग्रीनप्लाई ने “एक प्लाईशिट बिके, एक पेड़ लगे” का वादा किया है। हर प्लाईशिट की बिक्री पर एक पौधा लगाया जाता है, जिससे ग्राहक सीधे इस हरित मिशन का हिस्सा बन सकते हैं।
ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के सीईओ और जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज तुलसियन ने कहा,
“ग्रीनप्लाई में हम मानते हैं कि व्यापारिक सफलता और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी साथ-साथ चलनी चाहिए। ग्रीन विज़न इसी सोच का प्रतीक है — न केवल लाखों पेड़ लगाना, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक टिकाऊ भविष्य तैयार करना। 5 करोड़ वृक्षारोपण का पड़ाव हमारे लिए गर्व का क्षण है और अब हमारा लक्ष्य 2028 तक 10 करोड़ पेड़ लगाना है। हमारे पार्टनर्स, ग्राहकों और समुदायों के साथ मिलकर हम एक हरित कल का निर्माण कर रहे हैं।”
निर्माण प्रक्रिया में भी ग्रीनप्लाई पर्यावरण के प्रति उतनी ही प्रतिबद्धता रखता है। वडोदरा, कृपारामपुरा, राजकोट और संडीला में स्थित संयंत्रों में स्वच्छ उत्पादन तकनीक अपनाई जा रही है। वडोदरा प्लांट अपनी 50% से अधिक ऊर्जा जरूरतें नवीकरणीय स्रोतों से पूरी करता है और कोयला-रहित बॉयलर चलाता है। वहीं संडीला प्लांट में इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट और ईवी-चार्ज गाड़ियों का उपयोग कर उत्सर्जन में कमी लाई जा रही है। सभी प्लांट्स में बायोफ्यूल बॉयलर, सोलर व विंड एनर्जी, जल पुनर्चक्रण और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसी तकनीकों में निवेश किया जा रहा है।
ग्रीनप्लाई वृक्षारोपण, उत्पाद नवाचार, सामुदायिक सहयोग और जिम्मेदार निर्माण के माध्यम से ठोस पर्यावरणीय प्रभाव बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हर एक उपलब्धि के साथ कंपनी अपने हरित भविष्य के लक्ष्य को और मज़बूती से आगे बढ़ा रही है।
ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बारे में*
ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड (गेल) भारत की प्रमुख प्लाईवुड कंपनियों में से एक है, जिसकी चार अत्याधुनिक उत्पादन इकाइयाँ देशभर में स्थित हैं। कंपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए प्लाईवुड, एमडीएफ, ब्लॉक बोर्ड, फ्लश डोर, डेकोरेटिव वेनीयर और पीवीसी उत्पाद प्रदान करती है। ग्रीनप्लाई की उपस्थिति 27 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के 1100 से अधिक शहरों, कस्बों और गांवों में है, जहां इसका 2,300 से अधिक डीलर्स और स्टॉकिस्ट्स का नेटवर्क, 6000+ रिटेलर्स, और 50 से अधिक फिज़िकल व वर्चुअल ब्रांचेज़ मौजूद हैं। एफवाई 21 में ग्रीनप्लाई ने भारत का पहला इ-जीरो प्लाईवुड लॉन्च किया और एफवाई22 में इस क्षेत्र की पहली सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट प्रकाशित की।