
विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी में इस बार जन्मदिन का अवसर केवल शुभकामनाओं और औपचारिकताओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे शिक्षा और नवाचार को नई दिशा देने वाले संकल्प के रूप में मनाया गया।विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यपालक अधिकारी इंजीनियर ओंकार बगड़िया ने अपने जन्मदिन पर विश्वविद्यालय परिसर के विद्यार्थियों और शिक्षकों के विचारों को कार्यरूप देने के उद्देश्य से पचास लाख रुपये के “वीजीयू विज़न फंड” की शुरुआत की। विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुसार यह पहल विद्यार्थियों और शिक्षकों को अपने-अपने विभागों में नवाचार, अनुसंधान, शैक्षणिक गतिविधियों और रचनात्मक परियोजनाओं के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में एक ठोस कदम है।
विश्वविद्यालय ने बताया कि इस फंड के अंतर्गत प्रत्येक विभाग में विद्यार्थियों और शिक्षकों को जिम्मेदार भूमिका देकर निर्णय लेने की क्षमता को विभाग स्तर तक सशक्त बनाया जाएगा। योजना के अनुसार हर विभाग में एक विद्यार्थी प्रतिनिधि और एक शिक्षक प्रतिनिधि को वार्षिक सीमा के भीतर सहायता राशि के उपयोग का अधिकार दिया जाएगा, ताकि विभागीय स्तर पर आवश्यक शैक्षणिक कार्यक्रम, कार्यशालाएँ, प्रतियोगिताएँ, प्रयोगात्मक गतिविधियाँ और अन्य नवाचार संबंधी प्रयास समय पर किए जा सकें। विश्वविद्यालय का मानना है कि इस व्यवस्था से प्रक्रियाएँ सरल होंगी और अच्छे विचारों को स्वीकृति व क्रियान्वयन में अनावश्यक विलंब नहीं होगा।
फंड की रूपरेखा के तहत विद्यार्थी प्रतिनिधि को वार्षिक पचास हजार रुपये तक और शिक्षक प्रतिनिधि को वार्षिक एक लाख रुपये तक की सीमा में गतिविधियों के लिए सहायता का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय नेतृत्व द्वारा चयनित वरिष्ठ नवाचारकर्ताओं को विशेष सहयोग भी दिया जाएगा, जिससे विश्वविद्यालय में बड़े स्तर की शैक्षणिक पहल, नवाचार आधारित आयोजन और प्रभावी विभागीय परियोजनाएँ संचालित हो सकें। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह मॉडल विद्यार्थियों और शिक्षकों को केवल सहभागिता तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि उन्हें विश्वविद्यालय के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा।
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इस पहल को शिक्षा में सहभागिता और उत्तरदायित्व की नई संस्कृति के रूप में बताया। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को केवल सीखने तक सीमित न रखकर उन्हें रचनात्मक नेतृत्व की भूमिका में आगे बढ़ाने और शिक्षकों को शोध व नवाचार के लिए अधिक समर्थ बनाने पर जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय का तर्क है कि जब संसाधन और भरोसा विभागों तथा परिसर समुदाय के हाथों में पहुँचते हैं, तब शिक्षा का स्वरूप अधिक प्रभावी, परिणामोन्मुख और भविष्य के अनुरूप बनता है।
वीजीयू विज़न फंड की घोषणा को विश्वविद्यालय समुदाय ने एक प्रेरक पहल के रूप में देखा है, क्योंकि यह संदेश देता है कि व्यक्तिगत अवसरों को संस्थागत प्रगति के साधन में बदला जा सकता है। विश्वविद्यालय का कहना है कि यह पहल परिसर में विचार, प्रयोग, नवाचार और कार्यान्वयन की गति को बढ़ाएगी तथा विद्यार्थियों और शिक्षकों को नए अवसरों की ओर ले जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वास जताया कि यह मॉडल आने वाले समय में शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक उदाहरण बनेगा, जहाँ निर्णय और संसाधन केंद्रीकृत ढांचे से आगे बढ़कर विभागों और कार्य करने वाली इकाइयों तक पहुँचते हैं और वास्तविक परिवर्तन का आधार बनते हैं।




