सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों को सम्मानित करने की एक ऐतिहासिक पहल के तहत, हांगकांग के भारतीय समुदाय द्वारा ‘विश्व सनातन धर्म दिवस’ की स्थापना की गई। इस महत्वपूर्ण घोषणा का अवसर राम नवमी पर चुना गया, जो धर्म, निष्ठा और सत्य के प्रतीक भगवान श्रीराम के जन्म का पावन दिन है।
इस भव्य समारोह में न केवल हांगकांग बल्कि भारत और अन्य देशों के सनातनी समुदाय के सदस्यों ने भी भाग लिया, जिससे यह आयोजन एक वैश्विक महत्व का पर्व बन गया।
कार्यक्रम के प्रमुख आयोजकों में लाल हरदसानी, दयाल एन. हरजानी, रमाकांत अग्रवाल, राजू सबनानी, बिन्नी लालजी, राजेश भिमसरिया, अशोक प्रीतमानी, पीशू मिरानी, राजू मुखी, रमेश सावरथिया, सोहन गोयनका तथा संयोजक शशि भूषण शामिल थे।
इस अवसर पर आयोजक लाल हरदसानी ने कहा, “यह हांगकांग के भारतीय समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। हम यहां से विश्व सनातन धर्म दिवस की शुरुआत कर शांति और आध्यात्मिक जागरण की वैश्विक लहर प्रारंभ करना चाहते हैं।”
आयोजक सोहन गोयनका ने अपने संबोधन में कहा, “हर वर्ष हम राम नवमी का उत्सव मनाते हैं, लेकिन इस वर्ष हमने इसे ‘विश्व सनातन धर्म दिवस’ के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है। भगवान श्रीराम धर्म का सजीव स्वरूप हैं। उनका जीवन सनातन धर्म का प्रतीक है। उन्होंने संपूर्ण पृथ्वी से अधर्म और अन्याय के नाश का संकल्प लिया और उसे निभाने के लिए अपना राजसिंहासन तक त्यागकर 14 वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार किया। वे संपूर्ण मानवता के लिए आदर्श पुत्र, भाई, शिष्य, सखा, राजा, योद्धा, शत्रु, पिता और पति के रूप में प्रेरणास्रोत हैं। इसलिए, उनके जन्म दिवस से बड़ा कोई और दिन ‘विश्व सनातन धर्म दिवस’ के रूप में उपयुक्त नहीं हो सकता।”
आयोजकों ने हाल ही में प्रयागराज में सम्पन्न महाकुंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें 66 करोड़ (660 मिलियन) श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिनमें 70 से अधिक देशों के लोग शामिल थे। यह इस बात का प्रमाण है कि सनातन धर्म की चेतना वैश्विक स्तर पर जागृत हो रही है।
राजकुमार सबनानी सहित सभी आयोजकों ने इस उत्सव को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बताते हुए इसे एक नई आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत करार दिया।