दिव्यराष्ट्र, मुम्बई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित बजट मुख्य रूप से रोजगार और कौषल निर्माण जैसे संबंघित मुद्दो पर केन्द्रित रहा है और इससे प्रतिवर्ष 8 मिलियन रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। मि. अभीक बरूआ चीफ इकोनोमिस्ट, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड ने केन्द्रीय बजट 2024 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुऐं कहा कि बजट का मुख्य फोकस रोजगार और कौशल निर्माण जैसे संबंधित मुद्दों पर रहा है। भारत के जनसांख्यिकीय लाभ को भुनाने के लिए सरकार के प्रयास श्रम प्रधान उत्पादन, कौशल विकास पहल, औपचारिक रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में इसके प्रयासों में दिखाई देते हैं। बजट अनुमान के अनुसार इन उपायों से प्रति वर्ष 8 मिलियन रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी – जो कि आर्थिक सर्वेक्षण में निर्धारित रोजगार जरूरतों के अनुरूप है।
पहली बार काम करने वालों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के साथ-साथ आयकर स्लैब में बदलाव से डिस्पोजेबल आय में वृद्धि के कारण विशेष रूप से छोटी टिकट वाली वस्तुओं के लिए खपत को बढ़ावा मिलने की संभावना है। बजट का नीति मिश्रण – जिसमें निरंतर पूंजीगत व्यय, रोजगार सृजन, विनिर्माण, कृषि और ग्रामीण विकास के लिए समर्थन शामिल है – भारत की संभावित वृद्धि के लिए सकारात्मक होने की संभावना है।
सरकार ने अपने कुछ सहयोगियों को आवंटन में वृद्धि के बावजूद अपनी पूंजीगत व्यय योजनाओं पर कोई समझौता नहीं किया। वित्त वर्ष 2025 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.9% तक कम करने के साथ राजकोषीय समेकन के प्रति प्रतिबद्धता मध्यम अवधि के ऋण स्थिरता के लिए सकारात्मक है। हालांकि पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि से बाजार निराश हैं, लेकिन यह सरकार और नियामकों की विभिन्न शाखाओं द्वारा सतर्क रहने और सिस्टम में जोखिम के किसी भी अतिरिक्त निर्माण को रोकने के लिए संचार के अनुरूप है।