Home एजुकेशन बिज़नेस का क्लासरूम — जेईसीआरसी बना इनोवेशन का हब

बिज़नेस का क्लासरूम — जेईसीआरसी बना इनोवेशन का हब

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जेईसीआरसी का ईडीपी: जहां सपनों को नंबर नहीं, फंडिंग मिलती है

जेआईसी: जहां आइडिया बनते हैं इनकम, और विज़न बनता है वेंचर

जयपुर, दिव्यराष्ट्र/जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी ने एंटरप्रेन्योरशीप को सभी डिग्री कोर्सेज में अनिवार्य बनाकर हॉयर एजुकेशन में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 2023 में शुरू हुए एंटरप्रेन्योरशी डेवलेपमेंट प्रोग्राम (ईडीपी) के माध्यम से अब तक 12,000 से अधिक छात्रों को ट्रेन किया गया है। इस पहल से 1,800 से ज्यादा स्टार्टअप आइडिया सामने आए, जिनमें से 280 को कमर्शियल मॉडल में बदला गया और 15 स्टार्टअप्स पहले से ही रेवेन्यू कमा रहे हैं।

यह प्रोग्राम पूरी तरह से इंडस्टरी एक्सपर्ट्स और सफल एंटरप्रेन्योर्स द्वारा गाइडिड है, जिसमें 200 से अधिक मेंटर्स, छात्रों को आइडिया वैलिडेशन, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, फंड–रेजिंग और पिचिंग जैसे क्षेत्रों में मार्गदर्शन देते हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, पेटीएम, यूनिसेफ और टी-हब जैसी लीडिंग इंस्टीट्यूशंस के स्पेशलिस्ट के साथ-साथ शार्क टैंक इंडिया के इंवेस्टर्स और प्रसिद्ध स्टार्टअप फाउंडर्स ने छात्रों के साथ वन ऑन वन कन्वर्सेशन किया है।

इस कार्यक्रम को जेईसीआरसी इन्क्यूबेशन सेंटर (जेआईसी) द्वारा संचालित किया जाता है, जिसने अब तक 80 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया है और 500 से अधिक नौकरियां उत्पन्न की हैं। जेआईसी को भारत सरकार के मेटी वाई स्टार्टअप हब के जेनेसिस और टाइड 2.0 जैसे कार्यक्रमों के तहत राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है। जेआईसी के माध्यम से 30 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी ग्रांट, 7.5 करोड़ रुपये से ज़्यादा की फंडिंग और 15 करोड़ रुपये से अधिक का कुल रेवेन्यू उत्पन्न हुआ है। देश के एजुकेशनल इनक्यूबेटरों में जेईसी का इन्फ्रास्ट्रक्चर “सर्वश्रेष्ठ” घोषित किया गया है।

अवनीश सबरवाल, एमडी, एक्सेंचर वेंचर्स ने जेईसीआरसी के ईडीपी प्रोग्राम को भारत में यूनिवर्सिटी लेवल पर अनूठा बताया। उन्होंने छात्रों की स्पष्ट सोच और गहरी समझ की सराहना की साथ ही उन्होंने बताया कि जेआईसी नॉर्थ इंडिया का सबसे प्रभावी इनक्यूबेशन सेंटर बन रहा है।

प्रो. रामनन रामनाथन, पूर्व मिशन निदेशक, अटल इनोवेशन मिशन ने जेईसीआरसी की पहल को यूनिवर्सिटीज़ में एंटरप्रेन्यूरियल कल्चर का आदर्श उदाहरण बताया। उन्होंने छात्रों और फैकल्टी की इनोवेशन स्पिरिट की प्रशंसा की। और बताया कि जेआईसी उत्तर भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगा।

वही जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के डिजिटल स्ट्रैटेजिस्ट, धीमांत अग्रवाल ने कहा कि एंटरप्रेन्योरशीप 21वीं सदी का सबसे अहम कौशल है जो सिलेबस के ज़रिए छात्रों को सिर्फ बिज़नेस नहीं, बल्कि समस्याओं का समाधान, लीडरशिप और भविष्य निर्माण सिखा रहे हैं। हम उन्हें जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बना रहे हैं।

छात्र स्टार्टअप्स जैसे ब्लिसोरा और टुडलर्स इस कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण हैं, जिन्होंने कॉलेज प्रोजेक्ट्स से शुरू होकर रियल बिज़नेस का रूप ले लिया है। जेईसीआरसी का यह मॉडल न केवल छात्रों को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है, बल्कि यह पूरे भारत में हॉयर एजुकेशन सिस्टम के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है।

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