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एंट्री को लेकर बवाल?

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(उमेन्द्र दाधीच) इस समय देश मे आरक्षण के मामले को लेकर विवाद चल रहा है एनडीए विरोधी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने की पूरी कोशिश कर रखी है लेकीन अधिकांश लोगों को अभी तक यह पता नहीं है की आखिर मुद्दा जो गर्मा रहा है, आखिर वह है क्या? संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले दिनों एक विज्ञापन जारी कर 24मंत्रालयों मे 45पदो के लिए ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर, ओर डिप्टी सेकेट्री के पद के लिए लेटरल एंट्री के जरिए आवेदन मांगे है। इस विज्ञापन में कहा गया है की राज्य, केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकार मे, पीएसयू, रिसर्च संस्थान, विश्विद्यालयों ओर प्राइवेट सेक्टर मे अनुभव और योग्यता रखने वाले लोग आवेदन कर सकते है।। इस विज्ञापन के जारी होने के बाद देश मे विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया।

हालांकि यूपीएससी ने मंगलवार को ही एक आदेश जारी कर अपने विज्ञापन को रद्द कर दिया हे जिससे मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। विपक्ष ने इस नियुक्ति के माध्यम से कहा है की सरकार की इन नियुक्तियों मे एसटी, एस सी,ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया।। वर्ष 2017मे नीति आयोग ने अपने तीन वर्षीय एक्शन एजेंडा और शासन सचिवों के क्षेत्रीय समूह (एमजीओएस,) ने फरवरी 2024 में दी अपनी रिपोर्ट कहा था कि केन्द्र सरकार मे मिडिल और सीनियर मैनेजमेंट के स्तर पर लोगो की नियुक्ति बैगर यूपीएससी परीक्षा पास किए की जाए।

लेटर नियुक्ति से आए लोग केंद्रीय सचिवालय का हिस्सा होंगे जिसमे उस समय तक केवल अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सिविल सेवाओं से आने वाले नौकर शाह ही सेवा दे रहें थे। लेटरल एंट्री से आने वाले लोगो का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा जिसे पांच वर्ष तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह कांट्रेक्ट नियुक्ति मानी जाएगी। सिफारिश के आधार पर सबसे पहले वर्ष 2018 में खाली पदो के लिए विज्ञापन जारी किया गया। लेकीन उस समय केवल ज्वाइंट सेकेट्री स्तर के पदो के लिए ही नियुक्ति दी गई। केबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा नियुक्त किए गए ज्वाइंट सेकेट्री का पद किसी भी विभाग मे तीसरा सबसे बड़ा पद हे इससे ऊपर सचिव और अतिरिक्त सचिव होता है।

ज्वाइंट सेकेट्री विभाग मे एक विंग के प्रशास निक मुख्या होते है। लेटरल एंट्री के बारे मे सरकार का मानना है की यह इस नियुक्ति के माध्यम से प्रतिभा को मौका देने का प्रयास हू। लेटरल एंट्री के जरिए वर्ष 2018से अभी तक सयुंक्त सचिव स्तर के पदो के लिए कुल 6077आवेदन आए। इसके बाद वर्ष 2021मे भी लेटरल नियुक्ति का विज्ञापन जारी हुए। मई 2023मे भी ऐसे दो विज्ञापन आए पिछले पांच वर्षो मे लिट्रल नियुक्ति के माध्यम से 63नियुक्ति दी जा चुकी हे। लेटरल नियुक्ति की इस लिए विपक्ष खिलाफत कर रहा है की इन भर्ती मे आरक्षण का प्रावधान नहीं हे।

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