नोएडा। दिव्यराष्ट्र/राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में गुरुवार को शिक्षक दिवस के कार्यक्रम आयोजन हुआ। कार्यक्रम एनआईओएस के क्षेत्रीय कार्यालय के कल्याण सिंह सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष एनसीटीई के चेयरपर्सन प्रो. पंकज अरोड़ा, आईएचसीएनबीटी के महासचिव मलिंग गोम्बू, एनसीवीईटी के निदेशक (प्रभाग-2) कर्नल गुंजन चौधरी बतौर विशेष वक्ता और बतौर विशिष्ट वक्ता चंद्रयान 3 व आदित्य एल 1 की संचालन निदेशक डॉ नागा मंजूषा जे. शामिल हुईं।
कार्यक्रम में अमृत मेसोनिक स्पेशल स्कूल के एनआईओएस शिक्षार्थियों ने सरस्वती वंदना का गायन किया और फादर एग्नेल जन कल्याण केंद्र के एनआईओएस शिक्षार्थियों ने गुरुवंदना प्रस्तुत की जिसने सभी का मन मोह लिया। प्रस्तुति के उपरांत एनआईओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने विद्यार्थियों को उपहार देकर उनका मनोबल बढ़ाया।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत उद्बोधन करते हुए एनआईओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने शिक्षक दिवस की महत्ता को बताते हुए डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन को नमन किया और उनके द्वारा दी गई शिक्षा को उत्कृष्ट बताया। उन्होंने अब्राहम लिंकन द्वारा उनके बेटे के शिक्षक को लिखे पत्र की व्याख्या की और शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। प्रो. शर्मा ने कहा कि शिक्षा में अध्यात्म का होना उसे समाज के लिए उपयोगी बनाता है। शिक्षक ही समाज को दिशा देता है। उसकी शिक्षा ही युग निर्माण का कार्य करती है।
एनसीवीईटी के निदेशक (प्रभाग-2) कर्नल गुंजन चौधरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षावंचित शिक्षार्थियों को मुख्य धारा में लाने का बेहतरीन कार्य कर रहा है। आईएचसीएनबीटी के महासचिव मलिंग गोम्बू ने अपने भाषण के दौरान बताया कि एनआईओएस द्वारा भोटी भाषा और बौद्ध दर्शन पर पाठ्यक्रम बनाकर भारतीय हिमालय क्षेत्र के बौद्ध भिक्षुओं को मुख्य धारा में लाने का एक अवसर प्रदान किया है।
चंद्रयान 3 व आदित्य एल 1 के संचालन निदेशक डॉ नागा मंजूषा जे ने डॉ राधाकृष्णन पर विशेष व्याख्यान देते हुए कहा कि गुरु परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि सूचना प्रोद्योगिकी शिक्षक का स्थान कभी नहीं ले सकती।
एनसीटीई के चेयरपर्सन प्रो. पंकज अरोड़ा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारत में दीप से दीप जलाने कि एक अनोखी परंपरा है। इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि शिक्षक स्वयं प्रकाशित होकर ही अनेक विद्यार्थियों को प्रकाशित करता है।
कार्यक्रम में एनआईओएस ने तीन नए कौशल आधारित पाठ्यक्रमों का भी शुभारंभ किया। इन पाठ्यक्रमों में सामर्थ्य- 100 दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, ड्रिंकिंग वाटर प्यूरिफायर टेक्नीशियन कोर्स (एनएसक्यूएफ लेवल 3.5), भोटी और बौद्ध दर्शन पाठ्यक्रम हैं। एनआईओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा अक्सर युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा देने पर जोर देती रही हैं। उनका मानना है कि कौशल आधारित शिक्षा देश को समृद्ध करेगी और विकसित भारत की ओर बढ़ने में इस प्रकार के पाठ्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान और आईएचसीएनबीटी के बीच एमओयू भी हुआ जिसमें दोनों संस्थान शिक्षा को उच्चतम स्तर तक ले जाने हेतु संसाधनों का साझा प्रयोग भी करेंगे।
समारोह में गुरु कल्याणी बेहरा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
कार्यक्रम में संस्थान के सचिव कर्नल शकील अहमद, निदेशक विद्यार्थी सहायता, निदेशक शैक्षिक, निदेशक व्यावसायिक, निदेशक मूल्यांकन सहित सभी अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।