Home Blog भारत के लुब्रिकेंट सेक्टर के उज्जवल विकास की संभावनाएं

भारत के लुब्रिकेंट सेक्टर के उज्जवल विकास की संभावनाएं

95 views
0
Google search engine

(दिव्यराष्ट्र के लिए कॉलिन हॉजसन, तकनीकी सहायता प्रबंधक, आईएमईए, शेवरॉन इंटरनेशनल प्रोडक्ट्सका आलेख)

नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र : भारत में ऑटोमोबाइल की बढ़ती संख्या के साथ, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि ऑटोमोटिव लुब्रिकेंट देश के गतिशील बाज़ार में एक मजबूत भूमिका निभाते हैं। ऐतिहासिक रूप से, ऑटोमोटिव लुब्रिकेंट क्षेत्र में भारत की वृद्धि सकारात्मक तौर पर तब सिद्ध हुई है, जब अन्य देशों और क्षेत्रों में मांग कम हो गई है।. 2024 इसलिए जरूरी है क्योंकि तकनीकी उन्नति, स्थिरता और ग्राहक प्राथमिकताएं जैसे कई कारक एक साथ एकत्रित हो रहे हैं, जिसके कारण विश्व भर में ऑटोमोटिव उद्योग को नया आकार मिल रहा है।

आइए, भारत में लुब्रिकेंट के वर्तमान परिदृश्य, साथ ही ट्रेंड और विकास की संभावनाओं पर एक नजर डालते हैं :—

भारत ऑटोमोटिव लुब्रिकेंट के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, और इसका फिनिश्ड लुब्रिकेंट मार्किट दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मार्किट है। इसका एक कारण यह रहा है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अपेक्षा निजी गाड़ियों को प्राथमिकता देने के परिणामस्वरूप ऑटोमोबाइल की मांग लगातार बढ़ रही है। मूडीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाड़ियों की वैश्विक मांग में काफी कमी होने के बावजूद, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद, भारत के ऑटोमोटिव उद्योग में 2021 में 27% की वृद्धि देखी गई।

मोर्डोर इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत का ऑटोमोटिव ल्यूब्रिकेंट्स बाज़ार 1.45 बिलियन लीटर था और इसका 2026 में 1.97 बिलियन लीटर का आंकड़ा छूने के लिए 6.31 प्रतिशत का सीएजीआर दर्ज करने का अनुमान है। भारत में, 2020 में ऑन-रोड गाड़ियों की कुल संख्या में 77.11 प्रतिशत मोटरसाइकिलों थी, जिसके बाद 16.84 प्रतिशत पैसेंजर गाड़ियां और 5.61 प्रतिशत कमर्शियल गाड़ियां थी।

ऑटोमोटिव और औद्योगिक सेक्टर ही ज्यादातर देश में लुब्रिकेंट की मांग को बढ़ाते हैं। भारत लुब्रिकेंट मार्किट का मूल्य वर्ष 2022 में 5.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 8.08% सीएजीआर के साथ इसके और बढ़ने की उम्मीद है। ये आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि देश के अलग- इंडस्ट्री में लगातार विकास और लुब्रिकेंट की जरूरी भूमिका है, जिसका एक बड़ा हिस्सा ऑटोमोटिव सेक्टर है।

लुब्रिकेंट इंडस्ट्री में उभरती प्रवृत्तियां—

ऐसे मार्किट की क्षमता जो अभी तक अनटच है—

गांव और शहर दोनों जगह में गाड़ियों की अधिक पहुंच के साथ, लुब्रिकेंट की मांग सभी जगह में तेजी से बढ़ रही है, खास तौर पर ऑटोमोटिव सेक्टर में। लुब्रिकेंट की मांग इसलिए भी बढ़ क्योकि मार्किट में पुरानी गाड़ियों की बढ़ती उपलब्धता और उसको अडॉप्ट करना भी कारण है। मोर्डोर इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रयुक्त कारों का वर्तमान मूल्यांकन 31.62 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और इसका 2029 में बढ़कर 63.87 बिलियन होने का अनुमान है। गाड़ी के मालिक के पास नया वाहन रखने का औसत समय 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है। सभी लक्जरी वाहन निर्माता के पास उनका अपना पुरानी गाड़ियों का बिज़नेस है, जो कि किसी फलते-फूलते प्रयुक्त कार बाज़ार के लिए एक अच्छा संकेत है।

तकनीकी इनोवेशन—

एडवांस लुब्रिकेंट फॉर्मूलेशन की मदद से एडवांस अनुप्रयोग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लुब्रिकेंट सेक्टर में टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है। इन्हें अलग-अलग अनुप्रयोगों और परिवेशों में बेहद बेहतर विशेषताएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जैसे कि बेहतर घिसाव संरक्षण, ऑक्सीकरण स्थिरता और काटने-मुड़ने में स्थिरता। उपचार उपकरणों के बाद एग्जॉस्ट के साथ फिट बैठेगा या नहीं यह भी जरूरी है। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में, जहां परिचालन क्षमता और इंजन की लाइफ जरुरी होती है, और ये सभी जरूरी बातें मार्किट में इसे बिकने में मदद करती हैं।

बेहतर प्रदर्शन और क्षमता—

प्रयोज्य आय में वृद्धि और देश में ज्यादा उम्दा प्रदर्शन करने वाले ऑटोमोबाइल की बढ़ती संख्या के साथ-साथ, अच्छी क्वालिटी और सबसे बढ़िया प्रदर्शन वाले लुब्रिकेंट की मांग बढ़ रही है। इन मॉर्डन कारों में नए एडवांस इंजनों की आवश्यकताओं के कारण लोगों में लुब्रिकेंट डिमांड अधिक हो गयी है। इंजन की बेहतर सुरक्षा और बेहतर क्षमता की ओर होते बदलाव के लिए एडवांस लुब्रिकेंट की आवश्यकता होती है जो गाड़ियों की बढ़ती मांगों और तेजी से बढ़ते विचार वाले मार्किट की मांग को पूरा कर सकता है।

पर्यावरण-अनुकूल लुब्रिकेंट—

बढ़ी हुई पर्यावरण जागरूकता के कारण, व्यवसाय और उपभोक्ता पर्यावरण के अनुकूल लुब्रिकेंट के लिए बढ़ती हुई उनकी पसंद को दर्शा रहे हैं। व्यापार के सभी क्षेत्रों में अधिक सतत समाधान की ओर अग्रसर करने की प्रेरणा ने लुब्रिकेंट सेक्टर में और अधिक इनोवेशन के लिए प्रेरित किया है। लॉन्ग ड्रेन और अतिरिक्त लॉन्ग ड्रेन वाले इंजन ऑयल, विशेष रूप से कमर्शियल सेक्टर में, लोगो के बीच काफी पसंद में किए जाने लगा है, जो अपने काम में इन ऑयल फायदे और बचत के योगदान को पहचानते हैं।

बहुत सारी चीज़ो से पता चला कि लगातार विकास के पूर्वानुमान के साथ भारत विश्व भर में ऑटो लुब्रिकेंट के बाज़ार में सबसे आगे है। यहां तक कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भी, लुब्रिकेंट की लगातार मांग, बाज़ार की प्रतिरोधक्षमता को दर्शाती है। अपनी तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था, बेहतर बुनियादी ढांचा, और ऑटोमोबाइल को व्यापक रूप से अपनाने के साथ-साथ, यह स्पष्ट है कि ग्लोबल लुब्रीकेंट इंडस्ट्री में भारत एक प्रमुख बाज़ार है और यह आने वाले वर्षों में इसके बढ़ते महत्व के मजबूत संकेत को दर्शाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here