Home न्यूज़ बांग्लादेश के युनुस से वापस हो नोबेल शांति पुरस्कार

बांग्लादेश के युनुस से वापस हो नोबेल शांति पुरस्कार

26 views
0
Google search engine

बांग्लादेश में हिन्दू एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहा है अत्याचार++- मानवाधिकार के हनन के कारण अल्पसंख्यकों को संरक्षण देने की राष्ट्रपति से गुहार

जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच जयपुर चेप्टर ने बांग्लादेश में हिन्दू एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचार और मानवाधिकार हनन को लेकर राजस्थान के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को अल्पसंख्यकों के संरक्षण की गुहार की है I
मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह, जयपुर चेप्टर के अध्यक्ष डॉ. एस एस अग्रवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से.नि. ले.ज. अनुज कुमार माथुर, जयपुर चेप्टर के महासचिव पुष्कर उपाध्याय ने अन्य पदाधिकारियों के साथ राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को इस सम्बन्ध में ज्ञापन सौपा I ज्ञापन देने के लिए आज के दिन का चयन इसलिए किया गया क्योकिं 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान ने 93 हजार से अधिक सेनिकों के साथ अस्त्र शस्त्र सहित भारत के समक्ष 16 दिसम्बर 1971 को आत्मसमर्पण किया था I इसी घटना से बांग्लादेश का जन्म हुआ I और आज जब वही बांग्लादेश जिसका जन्म ही भारत की देन है के खिलाफ छद्म युद्ध की तरह वहां निवास कर रहे हिन्दू एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदाय, जिसका बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है पर लगातार अमानवीय हमले और अत्याचार किये जा रहे है येही नहीं वहां की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यको के संरक्षण के बजाय उनके संहारको को प्रश्रय दे रही है I जबकि वहां के वर्तमान सरकार के मुखिया मो. युनुस नोबेल शांति पुरुस्कार से पुरस्कृत हैं !
बांग्लादेश अंतरिम सरकार के इस कृत्य से दोनों देशों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है जो बहुत चिन्ताजनक है। इस तनाव से सम्पूर्ण विश्व में और मुख्यत: भारत में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिससे यहाँ की शांति और कानून व्यवस्था पर भी विपरीत असर पड रहा है I
गौरतलब है की बांग्लादेश में तख्तापलट विद्रोह – जिसे अब व्यापक रूप से “मानसून क्रांति” कहा जा रहा है – ने बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना को सत्ता से अपदस्थ कर दिया। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के घरों, व्यवसायों और पूजा स्थलों पर लगातार हमले हो रहें है ।
बांग्लादेश की हिंदू बौद्ध सिख ईसाई एकता परिषद के हवाले से बताया गया है कि 05 अगस्त से 20 अगस्त तक, इस 16 दिवसीय अवधि के भीतर देश भर में अल्पसंख्यकों पर हमलों की कुल 2010 घटनाएं (69 मंदिरों पर तोड़फोड़ सहित) हुईं। घटनाओं में, 157 परिवारों के घरों पर हमला किया गया, लूटपाट की गई, तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई, जबकि उनके व्यवसायिक संस्थानों पर भी हमला किया गया, लूटपाट की गई और तोड़फोड़ की गई।
विश्लेषकों के अनुसार, इनमें से अधिकांश हमले सांप्रदायिक हैं। बंगला देश में कानून और व्यवस्था के संकट के बीच राजनीतिक प्रतिशोध तथा आपराधिक हमलों का शिकार हिन्दू एवं अन्य अल्पसंख्यक हुए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच, इन नियोजित हिंसक घटनाओं/ अत्याचारों को रोकने एवं और बांग्लादेश में रहे रहे सभी हिन्दू एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों की घटनाओं की घोर निंदा करता है और भारत सरकार से मांग करता हैं की उपरोक्त घटनाओं की त्वरित रोकथाम के लिए कड़े से कड़े कदम उठायें I
मंच की और राज्यपाल के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को भी ज्ञापन के माध्यम से बांग्लादेश में उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी देते हुए इस पर प्रभावी कार्यवाही करने की अपील की गई है I

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here