
एनआईयू ने एआई आधारित मैनेजमेंट शिक्षा पर रखा जोर
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र:/ नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एनआईयू) ने 7वें फ्यूचर ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन समिट 2025 में अपनी सशक्त अकादमिक उपस्थिति दर्ज कराई। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के इरोस होटल में आयोजित हुआ, जहां प्रबंधन शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( एआई) की बढ़ती भूमिका पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
इस समिट में देशभर से शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और शिक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया। चर्चा के प्रमुख विषयों में भविष्य के लिए तैयार एमबीए कार्यक्रम, ए आई और एडटेक का समावेश, ईएसजी ढांचे, वैश्विक शैक्षणिक सहयोग और आजीवन सीखने के मॉडल शामिल रहे। ये सभी विषय नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के उद्योग-केंद्रित और तकनीक आधारित शिक्षा दृष्टिकोण से जुड़े हैं।
समिट के दौरान आयोजित पैनल चर्चा में भाग लेते हुए एनआईयू के स्कूल ऑफ बिज़नेस एंड कॉमर्स के निदेशक डॉ. एस. के. वर्मा ने कहा कि आज के समय में प्रबंधन शिक्षा में एआई कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुका है। उन्होंने कहा कि एआई पाठ्यक्रम, शिक्षण पद्धतियों, मूल्यांकन और संस्थागत कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है, लेकिन इसे अपनाते समय नैतिकता, फैकल्टी प्रशिक्षण और छात्रों की सोचने व निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करना बेहद जरूरी है।
पैनल में अन्य प्रमुख शिक्षाविदों में जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, हिसार के डीन डॉ. मयंक दौंदियाल, शोभित यूनिवर्सिटी, मेरठ के प्रो वाइस चांसलर डॉ. जयानंद और एमआईटी–एडीटी यूनिवर्सिटी, पुणे के कुलपति प्रो. डॉ. राजेश एस शामिल रहे। चर्चा के दौरान डेटा एथिक्स, अकादमिक ईमानदारी और तकनीक के साथ मानवीय मूल्यों के संतुलन जैसे मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया।
इसके अलावा, एनआईयू की ओर से डॉ. रिचा श्रीवास्तव, हेड – आउटरीच एंड इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने समिट में सक्रिय भागीदारी की। इस सहभागिता से उद्योग और शिक्षा के बीच सहयोग और वैश्विक साझेदारी के नए अवसर सामने आए।
नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी भविष्य में भी एआई से जुड़ी प्रबंधन शिक्षा, उद्योग से जुड़े पाठ्यक्रम और वैश्विक अनुभव पर ध्यान केंद्रित करते हुए ऐसे नेतृत्वकर्ता तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो तकनीकी रूप से सक्षम होने के साथ-साथ नैतिक और सामाजिक रूप से भी जिम्मेदार हों।




