साकार हुआ बिहार की संस्कृति
जयपुर , दिव्यराष्ट्र/। सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व डाला छठ पूजा शुकॖवार को उगते हुए सूर्य को दुसरा अर्ध्य अर्पित । बिहार झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की गलता तीर्थ में भाड़ी भीड़ उमड़ी। व्रती महिलाएं कमर भर पानी में डुबकी लगाकर पूरव दिशा की ओर खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर महिलाओं ने छठी मैया के परंपरागत गीत गाए। श्रद्धालुओं ने केला, गन्ना,कच्चा हल्दी, अदरक, मूली, सेव,संतरा,गागर नीबू, नाशपाती, संतरा, नारियल, केराव,कच्चा चावल, सूथनी,पानी फल और ठेकुआ जो विशेष रूप से बनाया जाता हैं आदि सामग्री से पूजन कर दीपक जलाया।
बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि बड़ी संख्या में व्रती महिलाएं व श्रद्धालु सुवह काल अर्घ्य देने आए। घाट पर बिहार समाज संगठन के कार्यकर्ताओं ने साथ प्रशासन मिलकर पूरे मुस्तेदी के साथ व्यवस्था को संभाला। दूरदराज से आए श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण किया | जिसके घर में कोई मन्नत मांगी जाती है मन्नत पूरा होने पर कोसीया भरा जाता है । भोर में कोसीया के साथ गन्ना ठेकुआ आदि प्रसाद को एक साथ बांध दिया जाता है ।सूर्य देव को लालिमा से पहले कोसीया विसर्जन किया जाता है । राष्ट्रीय महामंत्री चंदन कुमार ने कहा डाला छठ महापर्व जयपुर शहर में मुख्य आयोजन गलता जी तीर्थ एवं हसनपुरा स्थित एनबीसी क्वार्टर के पीछे दूर्वा विस्तार कॉलोनी में किया गया ।जयपुर के विभिन्न क्षेत्रो में बाइस गोदाम, सुशीलपुरा सोडाला, मुरलीपुरा, वी के आई, बनीपार्क, राॅयल सिटी माचवा,किशन बाग, शास्त्री नगर, विधाधर नगर, जगतपुरा, मालवीय नगर, मुरलीपुरा, आमेर मावटा, दिल्ली रोड, बडोदिया बस्ती, मानसरोवर, मुहाना मंडी, सहित विभिन्न जगह पर अर्घ्य देने के पहले भगवान भास्कर को पहले ही पानी में खड़े होकर पूरव की ओर मुख कर व्रती महिलाएं सूर्य देव का अराधाना किया। जैसे ही सूर्य अस्त की लालिमा दिखा तो श्रद्धालुओं में जैसे एक ऊर्जा का संचार हो गया, और सबके चेहरे पर खुशी छा गई। दुसरा अर्ध्य अर्पित किया। व्रती 36 घंटे का निर्जला निराहार उपवास किया। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुरेश पंडित ने बताया कि मैथिली, भोजपुरी, मगही एवं वज्जिकाभाषा के गीत गाए गए।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभाष बिहारी ने कहा सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए आए हुए भोजपुरी गायक कलाकार ने छठ माता को अपने छठी मईया के भजनो से रिझाया। गायक ने भोजपुरी, मैथिली, वंज्जिका व मगही भाषा में भजन प्रस्तुत किया । शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्ध्य अर्पित किया , इसी के साथ डाला महापर्व संपन्न हुआ |