ध्यान के विभिन्न प्रयोगों से विद्यार्थियों में एकाग्रता की वृद्धि और परीक्षा मे बेहतर परिणाम संभव – आचार्य लोकेश*
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक प्रख्यात जैनाचार्य डॉ लोकेशजी के सान्निध्य में सिविल सर्विसिस (यूपीएससी) की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया | अहिंसा योग एवं मेडिटेशन सेंटर में उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये आचार्यश्री लोकेश ने कहा कि ध्यान के विभिन्न प्रयोगों के अभ्यास से एकाग्रता कि वृद्धि होती है और परीक्षा में बेहतर परिणाम मिलते है |
विश्व शांतिदूत आचार्य लोकेश ने कहा कि ध्यान के लिए सबसे पहले शरीर पर नियंत्रण, फिर श्वास पर और फिर मन पर नियंत्रण करने का अभ्यास करना चाहिए | गहरी सांस लेने (डीप ब्रेथिंग) एक अति महत्वपूर्ण क्रिया है जिसका नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए | गहरी सांस लेने के अभ्यास से तनाव से राहत मिलती है, साँस लेने की क्षमता में सुधार होता है, रक्तचाप और हृदय नियंत्रि होती है, भावनात्मक संतुलन आता है और कार्य में स्थिरता आती है |
इस अवसर पर सिविल सर्विसिस की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासा प्रस्तुत की आचार्यश्री ने उनके प्रश्नों के उत्तर दिये, उन्होने दिनचर्या, आहार, आदि पर विस्तृत चर्चा करते हुये बताया कि मन पर नियंत्रण करने से पहले जरूरी है कि शरीर और वाणी पर नियंत्रण हो |
योगाचार्य देव चंद्र झा ने कहा कि योग व धायन का नियमित अभ्यास आवश्यक है, इससे स्वस्थ शरीर एवं संतुलित मनोवृति कि संरचना होती है | उन्होने योग एवं ध्यान के नियमित अभ्यास के लिए अहिंसा योग एवं मेडिटेशन सेंटर में चलने वाले सुबह और शाम के सत्रों की जानकारी दी | सभी विद्यार्थियों और साधकों ने आचार्यश्री का शाल उढ़ाकर स्वागत किया | इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती के कार्यकर्ता केनु अग्रवाल, सुश्री तारकेशवरी मिश्रा, एवं ज्याउद्दीन जावेद भी उपस्थित थे |