फोरहेक्स फेयर के दूसरे दिन वर्कशॉप्स और सैशन का हुआ आयोजन
जयपुर – बिरला ऑडिटोरियम में चल रहे 4 दिवसीय फोरहेक्स फेयर के दूसरे दिन शहर के प्रमुख डिजाइनिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए वर्कशॉप और सेशंस का आयोजन किया गया। 12 अगस्त तक चलने वाली फोरहेक्स फेयर में विजिटर्स होम डेकोर, फर्नीचर, टेक्सटाइल, लैंप्स और लाइटिंग, रग्स, गिफ्टिंग आदि एक ही छत के नीचे खरीद सकते है।
फेयर के कन्वीनर अतुल पोद्दार ने बताया कि, फेयर में विभिन्न एग्जिबिटर्स द्वारा एक ही क्राफ्ट को मल्टीपर्पस तरीके से कैसे इस्तमाल किया जाता है उस पर फोकस किया गया है; जैसे की ठीकरी आर्ट को वॉल आर्ट, मिरर, फर्नीचर, लाइटिंग, लैंप्स, होम डेकोर आदि के द्वारा दर्शाया गया है।
फेयर में डिजाइनिंग स्टूडेंट्स के लिए वर्कशॉप्स और सेशंस का भी आयोजन किया जा रहा है। ‘एडप्टिंग टू क्राफ्ट मार्किट ट्रेंड्स’ सेशन के मॉडरेटर आयुष कासलीवाल ने जयपुर को क्राफ्ट का कोल्ड माइन बताया। उनके अनुसार हम जयपुर राजस्थान में है यह हमारे लिए किस्मत की बात है क्योंकि हमारे आर्टिसंस के पास बहुत टेलेंट है। भारत क्राफ्ट के लिए सबसे बेहतरीन जगह है। उन्होंने बताया की ट्रेंड्स मार्केट इंपोज्ड होते है हमारे ऊपर, ट्रेंड्स को देख कर उसके पीछे नहीं भागना चाहिए बल्कि उसके साथ इवॉल्व होकर उसको फॉलो करना चाहिए। क्राफ्ट इज मेकिंग एनीथिंग विद और विदाउट टूल्स है और यह हमारे सेंसेस को एक अत्यंत सुन्दर चीज़ बनाने में मदद करती है।
सेशन के दौरान तूलिका गुप्ता, आईआईसीडी की डायरेक्टर ने बताया कि, हमारे आर्टिसन्स के डीएनए में आर्ट और क्राफ्ट बसा हुआ है। उनके पास वह कला है जोकि किसी भी चीज़ को क्राफ्ट बना सकते है। बदलते ट्रेंड्स के बारे में बताते हुए उन्होंने बोला की ब्लॉक प्रिंटिंग की क्राफ्ट भारत में 168 सालों से है पर इसके ट्रेंड्स हमेशा बदलते रहते है। जैसे की ब्रिटिशर्स के लोटस मोटिफ को ट्यूलिप में बदला गया और वो एक ट्रेंड बन गया। थाईलैंड के लिए किया तो मोटिफ बदल गया और यह एक दूसरा ट्रेंड बन गया। ट्रेंड चेंज हो जाते है परन्तु आर्ट वही रहती है। उनके अनुसार रोटी मेकिंग एक क्राफ्ट है पर वही स्विग्गी और जोमैटो एक ट्रेंड बना गया है।
हस्तकला के मैनेजिंग पार्टनर, करण मील ने कहा कि, आज के ट्रेंड को पिक करो लेकिन उसमें से हमें कुछ ओरिजिनल बनाना चाहिए। क्राफ्ट हमारे आस-पास हर जगह है। जैसे कि फर्नीचर में कैन क्राफ्ट है और अब उसका ट्रेंड वापस आ रहा है। क्राफ्ट में जब आप सस्टेनेबिलिटी और फ्यूचर के बारे में सोचेंगे तो वह जरूर सेल होगी।
फोरहेक्स केवल खरीदारी करने की जगह नहीं है। यह उत्तरी भारत की अविश्वसनीय कारीगर विरासत का उत्सव है। यह फेयर प्रतिभाशाली शिल्पकारों के लिए एक लॉन्च-पैड के रूप में कार्य करता है, उन्हें खरीदारों से जोड़ता है और उन्हें अपनी उत्कृष्ट कृतियों को दुनिया के साथ प्रदर्शित करने और साझा करने में मदद करता है। यह फेयर रचनात्मकता और सहयोग की शक्ति का प्रदर्शन है, जहाँ परंपरा कलात्मकता के उल्लेखनीय प्रदर्शन के साथ नवाचार से मिलती है।