
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र*\ इंटरनेशनल सोलर अलायंस ( आईएसए) का आठवां सत्र 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होगा। यह सत्र “एक सूर्य, एक विश्व, एक दृष्टि” की भावना के साथ दुनिया को सौर ऊर्जा के साझा लक्ष्य से जोड़ेगा।
कार्यक्रम के कर्टेन रेज़र में भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री और आईएसए असेंबली के अध्यक्ष श्प्रह्लाद जोशी ने कहा, “भारत ने अपनी नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य तय समय से पाँच वर्ष पहले ही हासिल कर लिए हैं। आज हमारी कुल बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत हिस्सा गैर-जीवाश्म स्रोतों से आता है। करीब 125 गीगावाट सौर क्षमता के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर उत्पादक देश है। यह उपलब्धि केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में आए बदलाव की कहानी है। विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा ने गांवों के घरों में रोशनी लाई है, स्वास्थ्य केंद्रों को सशक्त बनाया है और किसानों को नई ताकत दी है। ‘पीएम सूर्य घर – मुफ्त बिजली योजना’ के तहत अब तक 20 लाख से ज्यादा परिवार सौर ऊर्जा से लाभान्वित हो चुके हैं।”
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव संतोष कुमार सारंगी ने कहा, “भारत सौर ऊर्जा में तीसरे, पवन ऊर्जा में चौथे और कुल नवीकरणीय क्षमता में तीसरे स्थान पर है। सौर मॉड्यूल निर्माण में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। अब ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए क्षेत्रों में भी देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। 2031 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।”