
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में किया ‘पीएम-सेतु’ योजना का शुभारंभ
भरतपुर, दिव्यराष्ट्र/नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पीएम-सेतु योजना सहित ₹62,000 करोड़ से अधिक की युवा केंद्रित शिक्षा एवं कौशल विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया गया। प्रधानमंत्री श् नरेन्द्र मोदी ने इन सभी योजनाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी के नेतृत्व में, मंत्रालय कौशल, श्रम और तकनीकी शिक्षा को देश की प्रगति का आधार मानते हुए युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में, देशभर की आईटीआई संस्थाओं का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, जिसमें ‘पीएम-सेतु’ योजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पीएम-सेतु योजना ₹60,000 करोड़ की लागत से शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के अंतर्गत देशभर के 1,000 सरकारी आईटीआई संस्थानों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिन्हें 200 हब और 800 स्पोक मॉडल में संगठित किया जाएगा।
पीएम-सेतु योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के भरतपुर स्थित आईटीआई को हब के रूप में तथा आईटीआई धौलपुर, आईटीआई करौली, आईटीआई कामां और आईटीआई बयाना को स्पोक संस्थानों के रूप में उन्नत किया जाना प्रस्तावित है।
पीएम-सेतु योजना के तहत प्रत्येक हब से औसतन चार स्पोक संस्थान जुड़े होंगे, जो अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक मशीनरी, डिजिटल लर्निंग सिस्टम और उन्नत ट्रेड्स से सुसज्जित होंगे। प्रत्येक हब-एंड-स्पोक क्लस्टर का संचालन और प्रबंधन संबंधित एंकर इंडस्ट्री पार्टनर की अगुवाई में किया जाएगा, ताकि उद्योग-आधारित प्रशिक्षण और संस्थागत सुधार सुनिश्चित हो सके। हब में इनोवेशन सेंटर, ट्रेनिंग ऑफ़ ट्रेनर्स सेंटर्स, उत्पादन इकाइयाँ और प्लेसमेंट सेवाएँ स्थापित की जाएंगी, जबकि स्पोक संस्थान प्रशिक्षण की पहुँच को व्यापक बनाएंगे।
पीएम-सेतु योजना भारत के आईटीआई ईकोसिस्टम को “सरकार-स्वामित्व, उद्योग-प्रबंधित” मॉडल में बदलेगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने पीएम-सेतु योजना (आईटीआई उन्नयन) के पायलट चरण के अंतर्गत दो प्रस्तावित उद्योग क्लस्टरों के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। क्लस्टर 1 में भरतपुर क्षेत्र के अंतर्गत भरतपुर, धौलपुर, करौली, कामां (डीग) और बयाना ज़िले शामिल किए गए हैं। इस क्लस्टर का मुख्य फोकस मैन्युफैक्चरिंग, कृषि और हॉस्पिटैलिटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर रहेगा। इसका उद्देश्य स्थानीय औद्योगिक ईकोसिस्टम और सीआईआई, फिक्की तथा अन्य स्थानीय उद्योग संगठनों से जुड़ी संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से उभरते हुए क्षेत्रों में कौशल विकास और रोज़गार को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी ने कहा कि “डीजीटी 14,500 से अधिक आईटीआई संचालित करता है। जैसा कि चौधरी चरण सिंह कहते थे कि देश के विकास का रास्ता खेतों, गाँवों और खलिहानों से होकर जाता है, उसी प्रकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नए भारत के विकास के मार्ग में आईटीआई को एक मुख्य बिंदु के रूप में रखा गया है”।
मंत्री चौधरी ने आगे कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं को संदेश दिया है कि आप अपने सामर्थ्य, कौशल विकास और शिक्षा पर ध्यान दें और देश एवं दुनिया में नाम कमाएं। प्रधानमंत्री जी का विजन है कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बने। उनके द्वारा दिया गया विजन सिर्फ एक सपना नहीं है, बल्कि उस सपने को साकार करने की प्रेरणा है कि हम निश्चय करें, योजना बनाएं और आगे बढ़ें”।