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वेदांता के ऋण को डीमर्ज की गई कंपनियों के बीच उनकी परिसंपत्तियों के अनुपात में किया जाएगा विभाजित

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खनन समूह वेदांता, एल्युमीनियम सहित अपने प्रमुख व्यवसायों को अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने वाली है और डीमर्ज की गई इन इकाइयों में ऋण का आवंटन उनकी परिसंपत्ति के अनुपात में किया जाएगा। यह बात के डीमर्जर प्रक्रिया से जुड़े जानकार सूत्रों ने कही।

सूत्रों ने बताया कि वेदांता इस मुद्दे पर अपने ऋणदाताओं के साथ बातचीत के उन्नत चरण में है और यह प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है।

डीमर्जर के बाद इकाइयों के बीच ऋण आवंटन को लेकर स्पष्टता है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में संपन्न एक निवेशक कार्यक्रम में कहा था, ” ऋण को डीमर्जर के बाद अलग होने वाली इकाइयों के बीच उन्हें आवंटित होने वाली परिसंपत्तियों के अनुपात में निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार विभाजित किया जाएगा।”

वेदांता एल्युमीनियम का उदाहरण देते हुए, अधिकारी ने कहा था कि कंपनी को जो ऋण आवंटित किया जाएगा, वह उसके पास मौजूद परिसंपत्तियों के बुक वैल्यू के अनुपात में होगा। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि हस्तांतरण कर-तटस्थ (टैक्स-न्यूट्रल) हो।

वेदांता ने पिछले साल सितंबर में संभावित मूल्य को अनलॉक करने के लिए धातु, बिजली, एल्यूमीनियम और तेल एवं गैस व्यवसायों के डीमर्जर की घोषणा की थी। इस योजना के तहत छह स्वतंत्र वर्टिकल – वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील एंड फेरस मटीरियल्स, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता लिमिटेड – बनाए जाएंगे। वेदांता के हर शेयर के लिए शेयरधारकों को पांच नई सूचीबद्ध कंपनियों में से हरेक का एक शेयर मिलेगा।

डीमर्जर के बाद हिंदुस्तान जिंक के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार भी वेदांता लिमिटेड के पास रहेगा। एनओसी प्राप्त करने के तुरंत बाद, आवेदन एनसीएलटी में ले जाया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि ऋण आवंटन के संबंध में ऋणदाताओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए एसबीआईकैप्स को शामिल किया गया है और उम्मीद है कि उन्हें जल्द से जल्द एनओसी मिल जाएगा। वेदांता समूह डीमर्जर के साथ-साथ, अगले तीन साल में समूह स्तर पर ऋण में 3 अरब डॉलर की कटौती करने के लिए एक डीलिवरेजिंग कार्यक्रम भी चला रहा है ताकि उसका शुद्ध ऋण (नेट डेट) स्तर 9 अरब डॉलर से कम हो जाए।

उम्मीद है कि डीलिवरेजिंग का वित्तपोषण बड़े पैमाने पर मज़बूत आंतरिक नकदी प्रवाह के ज़रिये किया जाएगा और ऐसा रणनीतिक परिसंपत्तियों की बिक्री और संभावित इक्विटी साझेदारी से होने वाली आय के माध्यम से किया जाएगा।

वेदांता ने अपनी डीमर्जर से जुड़ी घोषणा में कहा था, ” उम्मीद है कि डीमर्जर से विभिन्न सेक्टर के आधार पर स्वतंत्र व्यवसायों के साथ समूह की कॉर्पोरेट संरचना सरल बन जाएगी। हमारा हर व्यवसाय वैश्विक स्तर पर है, इसलिए निदेशक मंडल ने डीमर्जर का फैसला किया है। हम परिसंपत्ति के स्वामित्व और उद्यमशीलता के विचार के मद्देनज़र ऐसा कॉर्पोरेट ढांचा तैयार करना चाहते हैं ताकि हर कंपनी अपने विकास का मार्ग तैयार कर सके।

“डीमर्जर से वैश्विक निवेशकों को समर्पित प्योर-प्ले कंपनियों में सीधे निवेश का अवसर मिलेगा। इन वैश्विक निवेशकों में सॉवरेन वेल्थ फंड, खुदरा निवेशक और रणनीतिक निवेशक शामिल हैं। डीमर्जर से अलग-अलग इकाइयों को सूचीबद्ध इक्विटी तथा स्व-संचालित प्रबंधन टीमों के मद्देनज़र अपने रणनीतिक एजेंडे को अधिक स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ाने और ग्राहकों, निवेश चक्रों तथा अंतिम बाज़ारों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने का मंच मिलेगा।“

 

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