
दिव्यराष्ट्र, नई दिल्ली: अक्षय ऊर्जा दिवस के मौके पर भारत के अग्रणी महत्वपूर्ण खनिज, संक्रमण धातु, ऊर्जा एवं प्रोद्यौगिकी सदन वेदांता लिमिटेड (एनएसई: वीईडीएल) ने घोषणा की है कि कंपनी ने वित्तीय वर्ष 25 के दौरान 250 करोड़ से अधिक या 2.5 बिलियन युनिट्स नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया है। वित्त वर्ष 2024 में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग 160 करोड़ (या 1.6 बिलियन) यूनिट रहा, जो खपत में 1.6 गुना से अधिक की बढ़ोतरी दर्शाता है। अक्षय ऊर्जा दिवस का आयोजन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार की नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सोलर पावर, विंड पावर, हाइड्रो पावर (सौर, पवन एवं जल ऊर्जा) और स्वच्छ ऊर्जा के अन्य स्रोत शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 26 की पहली तिमाही में कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा की तकरीबन 850 मिलियन युनिट्स का उपयोग किया, जो हरित ऊर्जा रूपान्तरण की ओर तेज़ी से बढ़ने का संकेत है।
अपने नवीकरणीय फुटप्रिन्ट को बढ़ाते हुए वेदांता ने 1.9 गीगावॉट इंस्टॉल्ड क्षमता के पावर डिलीवरी एग्रीमेन्ट किए हैं, जो आने वाले कुछ सालों में लागू हो जाएंगे। उम्मीद है कि इस क्षमता से कंपनी के कोर बिज़नेस में उत्सर्जन में कमी आएगी। वेदांता के सब्सिडरी कारोबार जैसे ज़िंक लिमिटेड एवं बालको (भारत एलुमिनियम कंपनी लिमिटेड) ने पहले से नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करना शुरू कर दिया है, जबकि भारत के अन्य प्लांट्स जल्द ही इसे प्राप्त करेंगे। कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन भी करती है, इसकी सब्सिडरी हिंदुस्तान ज़िंक देश के सबसे बड़े पवन ऊर्जा उत्पादकों में से एक है, जिसकी क्षमता 5 राज्यों में 273.5 मेगावॉट है।
वेदांता अपने पावर प्लांट्स में बायोमास का उपयोग भी करती है। वित्तीय वर्ष 25 में कंपनी ने बायोमास से 6.5 लाख गीगाजूल ऊर्जा का उपयोग किया। बायोमास एक प्रकार की नवीकरणीय ऊर्जा है, जिसे प्राकृतिक व्यर्थ सामग्री से प्राप्त किया जाता है। इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होती है और कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है। यह देश भर में तकरीबन 50,000 घरों की विद्युत की सालाना ज़रूरत के बराबर है। वेदांता की एक पावर कंपनी और उत्तर भारत की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने मनसा में 1980 मेगावॉट प्लांट के नज़दीक पंजाब की सबसे बड़ी टोरेफाइड बायो-पैलेट्स मैनुफैक्चरिंग युनिट स्थापित की है।
वेदांता की अपनी विकार्बोनीकरण योजना चार सिद्धांतों पर काम करती है- नवकरणीय ऊर्जा का पैमाना बढ़ाना, कम कार्बन के ईंधन की ओर रुख करना, ऊर्जा एवं प्रक्रिया दक्षता और कार्बन ऑफसेट। नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर कंपनी ने भारत के पहले कम कार्बन -ग्रीन एलुमिनियम- रीस्टोरा एवं रीस्टोरा अल्ट्रा तथा एशिया के पहले कम कार्बन ‘ग्रीन’ ज़िंक- ईकोज़ेन का उत्पादन किया। यह बड़े पैमाने पर कंपनी विविधीकरण योजनाओं का एक भाग है, जो पर्यावरण के प्रति सजग उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को पूरा करता है। ये वे उपभोक्ता हैं जो सोच- समझ पर संसाधनों का सदुपयोग करना चाहते हैं और अपनी आपूर्ति श्रृंखला में विकार्बोनीकरण को सुनिश्चित करना चाहते हैं।
इसके अलावा कंपनी का एलुमिनियम एवं ज़िंक प्रोडक्ट पोर्टफोलियो एनवायरनमेंटल प्रोडक्ट डिक्लेरेशन वैरीफाईड है, जो पर्यावरणी फुटप्रिन्ट पर पारदर्शी डेटा प्रदान करता है। वेदांता का एलुमिनियम बिज़नेस, इंटरनेशनल एलुमिनियम स्टेवर्डशिप पहल का एक भाग है, जिसके तहत कच्चे माल की ज़िम्मेदाराना सोर्सिंग एवं स्थायी निर्माण को बढ़ावा दिया जाता है।
वेदांता लिमिटेड महत्वपूर्ण खनिजों, उर्जा एवं टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर है, जो विश्वस्तरीय परिसम्पत्तियों के विविध पोर्टफोलियो का संचालन करती है। यह दुनिया में ज़िंक की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड उत्पादक, सिल्वर की चौथी सबसे बड़ी विश्वस्तरीय उत्पादक है, दुनिया के टॉप एलुमिनियम उत्पादकों में से एक है तथा भारत की एकमात्र निजी तेल एवं गैस उत्पादक है, सबसे बड़े प्राइवेट पावर उत्पादकों में से एक है। भविष्य की बात करें तो कंपनी दुर्लभ धातुओं, अन्य महत्वपूर्ण खनिजों एवं नवीकरणीय उर्जा पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अपने बिज़नेस पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है।