कोलकाता, दिव्यराष्ट्र/: पूर्वी भारत के अग्रणी मल्टीस्पेशलिटी स्वास्थ्य सेवा संस्थान मणिपाल हॉस्पिटल्स ने कोलकाता के मुकुंदपुर में अपनी अत्याधुनिक और समग्र न्यूरो टीम की शुरुआत की है, जो मस्तिष्क, रीढ़ और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी जटिल बीमारियों के इलाज में एक नया अध्याय जोड़ती है।
इस पहल के तहत, न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो रेडियोलॉजिस्ट और न्यूरो रिहैबिलिटेशन विशेषज्ञों को एक ही छत के नीचे लाकर मरीजों को समन्वित, त्वरित और बहु-आयामी इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों के लिए भी उन्नत और अनुसंधान-आधारित देखभाल सुनिश्चित करती है।
प्रेस सम्मेलन में उपस्थित रहे डॉ. जयंत राय (डायरेक्टर एवं एडवाइज़र, रीजनल हेड – ईस्ट, न्यूरोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल्स) और अन्य विशिष्ट न्यूरो विशेषज्ञ, जैसे डॉ. अम्लान मंडल, डॉ. निखिल प्रसून सिंह, डॉ. दीपेन्द्र कुमार प्रधान, डॉ. राजन कुमार, डॉ. बिस्वजीत पॉल, डॉ. निर्मल्य राय, डॉ. अंशु सेन, डॉ. अनन्या सेनगुप्ता, डॉ. अविक मुखर्जी, डॉ. शुभदीप बनर्जी और डॉ. संपूर्णा चौधरी।
इस अवसर पर अन्य विभागों के विशेषज्ञ जैसे डॉ. इंद्रनील घोष (न्यूरो एनेस्थेसिया और पेन मैनेजमेंट), डॉ. सौमेन मौर्य (बाल रोग विभाग प्रमुख), और डॉ. शगुता चक्रवर्ती (रीजनल हेड – मेडिकल सर्विसेज) भी उपस्थित थे।
समावेशी स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए, मणिपाल हॉस्पिटल्स ने आशा निकेतन नामक एनजीओ के साथ साझेदारी की है, जहां ऑटिज्म स्पेक्ट्रम पर मौजूद बच्चों के लिए नि:शुल्क न्यूरो परामर्श की सुविधा दी गई है।
इस उन्नत पहल का प्रमुख स्तंभ है – एक्यूट स्ट्रोक मैनेजमेंट प्रोग्राम, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के “स्ट्रोक कोड” प्रोटोकॉल पर आधारित है। यह प्रणाली तेज़ नैदानिक जांच, त्वरित न्यूरोइमेजिंग और “गोल्डन ऑवर” के भीतर इलाज (जैसे थ्रोम्बोलिसिस या क्लॉट रिट्रीवल) सुनिश्चित करती है।
न्यूरो ट्रॉमा मैनेजमेंट सर्विस ऐसे मरीजों के लिए त्वरित और जीवनरक्षक सर्जरी प्रदान करती है जिन्हें दुर्घटना, गिरने या सिर पर चोट की वजह से गंभीर मस्तिष्क चोट लगी हो।
बच्चों की विशेष देखभाल को ध्यान में रखते हुए, हॉस्पिटल में एक विशेष पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी और पीआईसीयू यूनिट की स्थापना की गई है, जहां मिर्गी, सेरेब्रल पाल्सी, विकासात्मक देरी और जन्मजात न्यूरोलॉजिकल विकारों का विशेषज्ञों द्वारा इलाज किया जाता है।
“अर्जेंट न्यूरोलॉजी क्लिनिक” की शुरुआत भी की गई है, जो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यरत है और चक्कर आना, तेज सिरदर्द, धुंधली दृष्टि या अंगों की कमजोरी जैसे लक्षणों के लिए त्वरित परामर्श उपलब्ध कराता है।
“स्ट्रोक रिस्क असेसमेंट एंड प्रिवेंशन क्लिनिक” इस पहल की एक और दूरदर्शी कड़ी है, जहां आनुवंशिक जानकारी, जीवनशैली और पारिवारिक इतिहास के आधार पर स्ट्रोक की संभावना का पूर्वानुमान लगाया जाता है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य योजना बनाई जाती है।
डॉ. जयंत राय ने इस अवसर पर कहा, “हम मणिपाल में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इलाज करते हैं और अपने संपूर्ण केयर इकोसिस्टम — डॉक्टरों से लेकर नर्सों तक — के प्रशिक्षण में निरंतर निवेश करते हैं। वैश्विक स्तर पर हर चार में से एक व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी स्ट्रोक हो सकता है। इसलिए हमारा मिशन केवल इलाज नहीं, जागरूकता भी है।”
डॉ. अम्लान मंडल ने कहा, “यह कार्यक्रम सभी न्यूरो विभागों को एकीकृत करके रोगियों को तेज़ निर्णय, सटीक इलाज और बेहतर पुनर्वास सेवा देता है।”
डॉ. दीपेन्द्र कुमार प्रधान ने जोड़ा, “हर सेकंड कीमती होता है। हमारी स्ट्रोक और ट्रॉमा यूनिट मरीजों की रिकवरी को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है – केवल सर्जरी नहीं, बल्कि इलाज की पूरी यात्रा में हम साथ होते हैं।”
डॉ. अयनाभ देबगुप्ता, रीजनल सीओओ – मणिपाल हॉस्पिटल्स (ईस्ट) ने कहा, “हमारा लक्ष्य है – गुणवत्तापूर्ण और समय पर इलाज को समुदायों तक पहुंचाना। नई न्यूरो पहल से मरीजों को डायग्नोसिस, इलाज, रिहैबिलिटेशन और फॉलो-अप – सब कुछ एक ही स्थान पर मिलेगा, जिससे इलाज की प्रक्रिया और भी सरल और भरोसेमंद हो जाएगी।”
इस व्यापक न्यूरो कार्यक्रम के साथ, मणिपाल हॉस्पिटल मुकुंदपुर पूर्वी भारत में न्यूरो विज्ञान के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता को और सशक्त कर रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञता, अत्याधुनिक तकनीक, अनुसंधान-आधारित दृष्टिकोण और समुदाय के प्रति संवेदनशीलता का यह समन्वय मणिपाल की सेवाओं को विशिष्ट बनाता है — जहां हर सेकंड मायने रखता है।